दृष्टिपुंज आई हॉस्पिटल में कंटूरा विज़न लेसिक की बड़ी उपलब्धि: 300 सफल ऑपरेशन पूरे Bihar Crime News: अदालत में सबूत पेश नहीं कर सकी बिहार पुलिस, कोर्ट ने SHO समेत 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जारी कर दिया अरेस्ट वारंट Bihar Crime News: अदालत में सबूत पेश नहीं कर सकी बिहार पुलिस, कोर्ट ने SHO समेत 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जारी कर दिया अरेस्ट वारंट अरवल में करंट लगने से युवक की मौत, जर्जर तार बना हादसे की वजह, बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप Bihar Politics: बाल-बाल बचे सांसद पप्पू यादव, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के दौरान हुआ हादसा Bihar Politics: ‘लालू परिवार बिहार की बर्बादी का जिम्मेदार’ युवा चेतना सुप्रीमो रोहित सिंह का तेजस्वी पर बड़ा हमला Bihar Politics: ‘लालू परिवार बिहार की बर्बादी का जिम्मेदार’ युवा चेतना सुप्रीमो रोहित सिंह का तेजस्वी पर बड़ा हमला Bihar News: बिहार में यहां एक ही घर से निकले 60 किंग कोबरा, परिवार ने त्यागा मकान; गाँव वालों ने बदला रास्ता BIHAR NEWS:चोरी के शक में युवक की बेरहमी से पिटाई, भीड़ ने चप्पल पर चटवाया थूक Bihar Politics: काले कपडे पर आमने-सामने नीतीश-रोहिणी, लालू की बेटी ने सीएम को बता दिया हिटलर
17-May-2025 11:31 AM
By First Bihar
Sudhakar Singh exposed corruption in the Bihar: राजद सांसद सुधाकर सिंह ने बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सुधाकर सिंह ने दावा किया कि चुनावी साल को देखते हुए विभाग का बजट तीन से चार गुना बढ़ा दिया गया है और अब 20,000 करोड़ रुपए ग्रामीण सड़कों के निर्माण और रखरखाव में खर्च किए जा रहे हैं, जिनमें से लगभग 10,000 करोड़ रुपए की लूट की जा रही है।
टेंडर में भारी धांधली का आरोप
सांसद ने कहा कि पहले ग्रामीण सड़कों का रखरखाव योजनाबद्ध तरीके से होता था, लेकिन अब बड़े टेंडरों में छोटे ठेकेदारों को बाहर कर दिया गया है। अभियंता प्रमुख, कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता और अन्य तकनीकी अधिकारी एक सिंडिकेट बनाकर पहले से तय कमीशन पर टेंडर दे रहे हैं।
फर्जी दस्तावेज़ से 55 करोड़ का टेंडर
सुधाकर सिंह ने वीएस कंस्ट्रक्शन कंपनी का उदाहरण देते हुए बताया कि कंपनी का वास्तविक वार्षिक टर्नओवर मात्र 54 लाख रुपए है, लेकिन टेंडर प्राप्त करने के लिए कंपनी ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से 55 करोड़ रुपए का टर्नओवर दर्शाया। उन्होंने बताया कि किसी कंपनी का असली टर्नओवर उसकी GST फाइलिंग से स्पष्ट हो जाता है, लेकिन इस मामले में जीएसटी लाखों में जमा है जबकि कागजों में टर्नओवर करोड़ों में दिखाया गया है।
भ्रष्ट अधिकारियों को ही दी जाती है जांच की जिम्मेदारी
सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि जब कोई इन फर्जीवाड़ों की शिकायत करता है, तो जांच उन्हीं अधिकारियों को सौंपी जाती है जो खुद इन फर्जी दस्तावेजों को वैध ठहराते हैं। इससे भ्रष्टाचार को खुला संरक्षण मिलता है।उन्होंने सरकार के बड़े अधिकारीयों पर भी आरोप लगाये हैं |
मुख्यमंत्री के उद्घाटन के दो महीने बाद ही सड़क में गड्ढे ,सुधाकर सिंह ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने जनवरी में जिस सड़क का उद्घाटन किया था, वह मार्च आते-आते गड्ढों में तब्दील हो गई। निगरानी विभाग और लोकायुक्त से जांच की मांग उन्होंने इस पूरे प्रकरण की निगरानी विभाग से स्वतंत्र जांच और लोकायुक्त को पत्राचार कर हस्तक्षेप की मांग की है। यह मामला न केवल बिहार में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करता है बल्कि आम जनता के पैसे के दुरुपयोग और विकास योजनाओं के नाम पर चल रही लूट का भी संकेत है।
आगे क्या होगा?
राजनीतिक गलियारों और प्रशासनिक तंत्र में इस खुलासे से हलचल मचना तय है। अब देखना होगा कि क्या सरकार इस मामले में कोई संज्ञान लेती है या इसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।