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17-Jul-2025 06:25 AM
By First Bihar
Bihar Weather: बिहार में 16 जुलाई को कई जिलों में अच्छी-खासी बारिश हुई है और अब गुरुवार को सीवान, सारण, भोजपुर, कैमूर, बक्सर और रोहतास में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। पटना मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार निम्न दबाव का क्षेत्र और मानसून ट्रफ रेखा के प्रभाव से इन जिलों में 64.5 से 204.4 मिमी तक बारिश हो सकती है, साथ ही 30-40 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं और वज्रपात का भी खतरा है।
पटना और दक्षिण-मध्य व पश्चिमी बिहार में आंशिक से मध्यम बारिश (15.6-64.4 मिमी) की संभावना है, जिसमें मेघ गर्जन और वज्रपात भी शामिल है। पटना में गुरुवार को अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। साथ ही नमी का स्तर 80-85% तक रहेगा, जिससे उमस भी बनी रहेगी।
बुधवार को बिहार के 11 जिलों में तेज बारिश दर्ज की गई, जिसमें मधुबनी में सर्वाधिक 225 मिमी वर्षा हुई। गया जिले के डोभी में 186.8 मिमी, शेरघाटी में 181.4 मिमी, फतेहपुर में 180.2 मिमी, समस्तीपुर के दलसिंहसराय में 139.6 मिमी, जमुई के खैरा में 136.4 मिमी और सहरसा के सोनबरसा में 126.8 मिमी बारिश हुई है।
जबकि रोहतास के डेहरी में 88 मिमी, वैशाली के हाजीपुर में 83 मिमी और भागलपुर में 59.7 मिमी बारिश दर्ज की गई है। पटना में रुक-रुककर 14.6 मिमी बारिश हुई। जिससे दानापुर, कंकड़बाग और खगौल जैसे निचले इलाकों में जलजमाव की समस्या सामने आई। इस बारिश ने कई नदियों को उफान पर ला दिया है, जिससे नवादा, जहानाबाद, गया और सासाराम (रोहतास) के हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
फल्गु नदी ने पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है और इसका पानी जहानाबाद-बिहार शरीफ NH-33 पर चढ़ गया, जिससे यातायात बाधित हुआ है। कई गांव जलमग्न हो गए और फल्गु व सोन नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण डाउन स्ट्रीम बराज के 40 में से 38 गेट खोलने पड़े। नवादा के रजौली में खुरी नदी का पानी धमनी-सवैयाटांड़ पथ पर बह रहा है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन ठप हो गया है।
हालांकि कुछ जिलों में बारिश ने राहत दी, लेकिन बिहार में मानसून की कुल बारिश में 46% की कमी दर्ज की गई है। 16 जुलाई तक 349.1 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन केवल 189 मिमी हुई है। सीतामढ़ी में 84%, सहरसा में 78% और पूर्वी चंपारण में 76% बारिश की कमी है, इस वजह से इन क्षेत्रों में सूखे जैसे हालात हैं। दूसरी ओर नवादा में 13% अधिक बारिश (321.4 मिमी बनाम सामान्य 284.6 मिमी) और औरंगाबाद व जमुई में 10% अधिक बारिश दर्ज की गई है।
किशनगंज जैसे सीमांचल क्षेत्र, जो आमतौर पर बारिश से तरबतर रहते हैं, इस बार 54% कम बारिश से जूझ रहे हैं। यह स्थिति खरीफ फसलों, खासकर धान की बुवाई के लिए चिंताजनक है, हालांकि हाल की बारिश ने किसानों को कुछ राहत जरूर दी है।
IMD के अनुसार मानसून अगले 2-3 दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। लेकिन 18 जुलाई के बाद बारिश की तीव्रता कम होने की संभावना है और तापमान फिर से 34-36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। वज्रपात का खतरा बना हुआ है, जिसके कारण पिछले 48 घंटों में सहरसा और कटिहार में 3 लोगों की मौत हो चुकी है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जल संसाधन विभाग और NDRF की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं, लेकिन कोसी और गंगा नदियों के बढ़ते जलस्तर ने सहरसा, मधेपुरा और भागलपुर में बाढ़ का खतरा बढ़ा दिया है। पटना में गुरुवार को सुबह और दोपहर में बारिश की संभावना है, जिससे जलजमाव की समस्या फिर से उभर सकती है। प्रशासन को जल निकासी के लिए पंप और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नावों की व्यवस्था करने की सलाह दी गई है।