ब्रेकिंग न्यूज़

बेतिया में तेज़ रफ्तार ट्रक ने 50 वर्षीय महिला को कुचला, मौके पर ही दर्दनाक मौत सहरसा में 25 हजार का इनामी अपराधी अजय दास गिरफ्तार, हथियार तस्करी में था वांछित TCH EduServe में शिक्षक भर्ती 4.0, CTET, STET, SSC और बैंकिंग के लिए नया बैच शुरू, मिलेगी मुफ्त टेस्ट सीरीज और विशेष छूट लग्ज़री लाइफ की चाह में मां बनी हैवान: बेटी की हत्या कर शव को बेड में छिपाया, फिर प्रेमी के साथ की अय्याशी Bihar Crime News: बिहार में अजब प्रेम की गजब कहानी, पांच बच्चों की मां बॉयफ्रेंड संग फरार; बेटी के गहने भी ले गई साथ Bihar Crime News: बिहार में अजब प्रेम की गजब कहानी, पांच बच्चों की मां बॉयफ्रेंड संग फरार; बेटी के गहने भी ले गई साथ विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में सख्ती: भू-माफिया और तस्करों पर कसेगा शिकंजा Bihar Crime News: बिहार में रेलकर्मी की चाकू मारकर हत्या, रेलवे ट्रैक पर शव मिलने से सनसनी Bihar Politics: बिहार से युवाओं का पलायन कब रुकेगा? दौरे से पहले पीएम मोदी से प्रशांत किशोर का तीखा सवाल Bihar Politics: बिहार से युवाओं का पलायन कब रुकेगा? दौरे से पहले पीएम मोदी से प्रशांत किशोर का तीखा सवाल

Bihar Police: बिहार में अब थानाध्यक्ष नहीं बन सकेंगे ऐसे पुलिस अफसर, मुख्यालय ने जारी किया नया फरमान

Bihar Police: बिहार पुलिस का नया आदेश.. अब ऐसे अफसरों को नहीं बनाया जाएगा थानाध्यक्ष। मुख्यालय से नया फरमान हुआ जारी।

Bihar Police

22-May-2025 07:23 AM

By First Bihar

Bihar Police: बिहार पुलिस मुख्यालय ने थानाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए नया आदेश जारी किया है, जिसमें सख्त योग्यताएं और प्रतिबंध निर्धारित किए गए हैं। इस आदेश के तहत उन पुलिस अधिकारियों को थानाध्यक्ष या अंचल पुलिस निरीक्षक के पद पर नियुक्त नहीं किया जाएगा, जिन्हें किसी न्यायालय ने दोषी ठहराया हो, जांच में अभियुक्त बनाया गया हो, नैतिक पतन के आरोप में दोषी पाया गया हो, या विभागीय जांच में तीन या उससे अधिक सजाएं मिली हों। यह नियम उन अधिकारियों पर भी लागू होगा, जिनके खिलाफ कोई बड़ी सजा का प्रभाव लागू है।


नए आदेश में स्पष्ट किया गया है कि थानाध्यक्ष के पद पर केवल उन अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा, जिनका रिकॉर्ड साफ हो और जिनके खिलाफ कोई गंभीर आरोप या सजा न हो। इसका उद्देश्य पुलिस थानों के संचालन में विश्वसनीयता और अनुशासन सुनिश्चित करना है। विशेष रूप से मुजफ्फरपुर में इस आदेश को लागू करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने स्थानीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं।


आदेश में कहा गया है कि यदि कोई अधिकारी विभागीय जांच या पुलिस मैनुअल नियमों के उल्लंघन में दोषी पाया जाता है, तो उसे तब तक थानाध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा, जब तक उसकी सजा का प्रभाव पूरी तरह समाप्त न हो जाए। यह कदम पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता को कम करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।


इसी बीच, कल्याणपुर थाने में दारोगा संजय सिंह के खिलाफ अनुशासनहीनता के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है, जो इस नए आदेश के संदर्भ में चर्चा का विषय बन गया है। संजय सिंह को पहाड़पुर थाने से स्थानांतरित कर कल्याणपुर भेजा गया था, लेकिन उन पर कांड का प्रभार न संभालने का आरोप लगा। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर कल्याणपुर थानाध्यक्ष जितेंद्र कुमार के बयान के आधार पर यह प्राथमिकी दर्ज की गई।


यह नया आदेश बिहार पुलिस में सुधार और थाना स्तर पर नेतृत्व की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के नियम भ्रष्टाचार और लापरवाही पर अंकुश लगाने में मदद करेंगे, लेकिन इसे प्रभावी बनाने के लिए जमीनी स्तर पर सख्त निगरानी जरूरी है। बिहार पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि वे थानाध्यक्षों की नियुक्ति में इन नियमों का कड़ाई से पालन करें।