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29-Aug-2025 10:19 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में एक मील का पत्थर हासिल किया है, जहां नाबार्ड के सहयोग से चल रही योजना के तहत 2025 स्वीकृत सड़कों में से 1859 का निर्माण पूरा हो चुका है। इन सड़कों की कुल लंबाई लगभग 4822 किलोमीटर है जो गांवों को शहरों से जोड़ने का काम कर रही हैं। इसके अलावा, 1235 स्वीकृत पुलों में से 910 भी बनकर तैयार हो गए हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में आवागमन आसान हो गया है।
ग्रामीण कार्य विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, यह उपलब्धि 2023 में शुरू हुई परियोजनाओं का नतीजा है, जो राज्य को ग्रामीण बुनियादी ढांचे के मामले में नंबर वन बना रही है। इन सड़कों और पुलों ने न केवल यात्रा के समय को कम किया है बल्कि किसानों और व्यापारियों के लिए नई संभावनाएं भी खोली हैं।
इस योजना के तहत शेष 325 पुलों और बाकी सड़कों का निर्माण भी जल्द पूरा होने की उम्मीद है जो आने वाले महीनों में राज्य के ग्रामीण नेटवर्क को और मजबूत करेगा। जिलों के स्तर पर प्रगति भी देखने लायक है, जहां नालंदा सबसे आगे है यहां 214 सड़कों में से 199 और 67 पुलों में से 59 तैयार हो चुके हैं। गया में 129 सड़कों में से 120 और 57 पुलों में से 46 पूरे हो गए हैं।
पटना जिले में 167 स्वीकृत सड़कों में से 157 पर वाहन दौड़ रहे हैं, जबकि 54 पुलों में से 46 बन चुके हैं। अन्य जिलों जैसे औरंगाबाद (244.856 किमी), दरभंगा (235.740 किमी), पूर्वी चंपारण (230.772 किमी), मुंगेर (202.814 किमी) और रोहतास (176.462 किमी) में भी कार्य लगभग समाप्ति की ओर है। जमुई, मधुबनी, समस्तीपुर, गोपालगंज, किशनगंज और नवादा जैसे जिलों में भी तेजी से प्रगति हो रही है जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति दे रही है।
ये सड़कें और पुल ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर बदलने का माध्यम बन चुके हैं, जहां पहले कीचड़ भरी राहों की जगह अब पक्की सड़कें ले रही हैं। किसान अपनी उपज को बाजार तक जल्दी पहुंचा पा रहे हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच भी आसान हो गई है।
नाबार्ड के फंडिंग से चल रही यह योजना रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (RIDF) का हिस्सा है, जो राज्य सरकार की कोशिशों को मजबूती दे रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे ग्रामीण बेरोजगारी कम होगी और स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, कुछ जिलों में अभी भी रखरखाव की चुनौतियां हैं, लेकिन विभाग ने सर्वे शुरू कर दिया है।