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17-Apr-2025 10:39 AM
By KHUSHBOO GUPTA
Bihar News: बिहार में सार्वजनिक तालाब और पोखरों के पानी की जांच होगी। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर 920 तालाबों और पोखरों के पानी की जांच की जाएगी। तालाबों या पोखरों के पानी की जांच में यह पता चलता है कि यहां का पानी जहरीला तो नहीं है। यह मछली पालन के लिए उपयोगी है या नहीं। जांच के दौरान देखा जाता है कि मछली पालन के लिए तालाब कितना उपयोगी है।
पानी की जांच के लिए भागलपुर की लेबोरेटरी को नोडल लैब बनाया गया है। यहां भागलपुर समेत बांका, बेगूसराय, खगड़िया और मुंगेर से आए पानी की जांच हो सकेगी। एनजीटी के निर्देश के पालन के लिए पटना, मुजफ्फरपुर, अररिया, बिहारशरीफ और सासाराम में भी लैब बनाई गई हैं। खबरों के मुताबिक, नोडल लैब में पानी के सात पारामीटर की जांच होगी।
नोडल लैब मेंकलर, टेंप्रेचर, डिजाल्बड ऑक्सीजन (डीओ), बॉयो केमिकल डिमांड (बीओडी), केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (सीओडी), टोटल कॉलीफॉर्म (टीसी) और फेकल कॉलीफॉर्म (एफसी) पारामीटर की जांच की सुविधा दी गई है। भागलपुर नोडल लैब से 82 तालाबों को जोड़ा गया है। यहां भागलपुर के 52, बांका के 15, बेगूसराय के 6, खगड़िया के 5 और मुंगेर के 4 तालाबों जांच होगी। यह जांच हर तीन महीने पर होती है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक (नोडल लैब) में तालाबों या पोखरों के पानी की जांच में यह पता चलता है कि यहां का पानी जहरीला तो नहीं है। यह मछली पालन के लिए उपयोगी है या नहीं। जांच के दौरान देखा जाता है कि मछली पालन के लिए तालाब कितना उपयोगी है। इसका टेंप्रेचर कितना है एवं पानी में ऑक्सीजन कितनी घुली हुई है।