बारिश में भी चला RJD का जनसंपर्क अभियान, रामबाबू सिंह बोले..“बड़हरा में विकास और बदलाव दोनों तय हैं” देसी कट्टा के साथ कुख्यात अपराधी गिरफ्तार, बेटे ने हथियार लहराकर वायरल किया था वीडियो Bihar Education News: शिक्षा विभाग के इस DPO ने नहीं किया काम तो पहले हुए सस्पेंड...फिर मिला यह दंड, जानें.... Bihar Election 2025 : 'अब बदलाव का समय, बनाना होगा नया बिहार...', बोले मुकेश सहनी - कुर्सी की लालच में बिहार को भूल गए नीतीश कुमार Bihar Election 2025 : अमित शाह की नालंदा रैली से पहले यह इलाका बना ‘नो-फ्लाई जोन’, यह शहर बना ‘रेड जोन’ Bihar News: 12 साल पुरानी फाइलें बंद...अधिकारियों को मिली राहत, बिहार सरकार ने एक झटके में 17 अफसरों को दे दी क्लीनचिट BIHAR NEWS : पश्चिम चंपारण में दो अलग-अलग सड़क हादसों में दो की मौत, बगहा क्षेत्र में छाया मातम Bihar Police : PMCH से इलाज के दौरान कैदी फरार, बाथरूम की खिड़की तोड़कर दिया पुलिस को चकमा; मची अफरातफरी मुख्यमंत्री की वैकेंसी ! नीतीश कुमार को फिर से CM की कुर्सी मिलेगी ? दरभंगा में 'अमित शाह' ने कर दिया क्लियर...जानें Bihar News: बिहार में सेमीकंडक्टर क्लस्टर और डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का होगा निर्माण, लाखों युवाओं को मिलेगा रोजगार
08-Jul-2025 01:13 PM
By First Bihar
Bihar News: बिहार में आधारभूत ढांचे के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठने जा रहा है। कैमूर जिले में वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के तहत बिहार की सबसे बड़ी 5 किलोमीटर लंबी सड़क सुरंग का निर्माण प्रस्तावित है। यह सुरंग कैमूर की पहाड़ियों में बनाई जाएगी। जो कि सोन नदी को पार करते हुए सासाराम से औरंगाबाद को जोड़ेगी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस परियोजना को हरी झंडी दे दी है और इसे 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है। यह सुरंग न केवल बिहार को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर में नई पहचान दिलाएगी बल्कि यात्रा को सुरक्षित और तेज भी बनाएगी।
इस सुरंग की मुख्य विशेषता यह है कि यह पहाड़ी इलाकों को पार करने में मदद करेगी, जिससे सड़क दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी और यात्रा समय में भी 6 घंटे तक की बचत होगी। इसका डिजाइन पर्यावरण अनुकूल तकनीकों और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के आधार पर तैयार किया गया है। निर्माण के दौरान स्थानीय भूगर्भीय संरचना और प्राकृतिक सुंदरता का विशेष ध्यान रखा जाएगा ताकि पर्यावरण को न्यूनतम नुकसान हो। उन्नत मशीनों का उपयोग यह सुनिश्चित करेगा कि सुरंग मजबूत और टिकाऊ हो। बनने के बाद यह सुरंग देश की शीर्ष 10 सबसे लंबी सड़क सुरंगों में छठे स्थान पर होगी।
वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 610-690 किलोमीटर है। यह बिहार के चार जिलों कैमूर (51.4 किमी), रोहतास (35.5 किमी), औरंगाबाद (39.3 किमी) और गया (35.5 किमी) से होकर गुजरेगा। इसकी अनुमानित लागत 35,000 करोड़ रुपये है। यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के चंदौली से शुरू होकर झारखंड और पश्चिम बंगाल के रास्ते कोलकाता तक जाएगा। कैमूर में सुरंग और सासाराम के तिलौथू में सोन नदी पर पुल इस परियोजना के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। यह एक्सप्रेसवे वाराणसी से कोलकाता की यात्रा को 15 घंटे से घटाकर 6-7 घंटे कर देगा, जिससे व्यापारियों, किसानों और पर्यटकों को बड़ा फायदा होगा।
इस परियोजना से कैमूर और आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। निर्माण के दौरान और बाद में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। कैमूर के डीएम सावन कुमार ने बताया कि जमीन अधिग्रहण के लिए मालिकों को दोगुना सर्किल रेट दिया जाएगा, जिससे भू-अर्जन की प्रक्रिया सुगम हो गई है। यह सुरंग और एक्सप्रेसवे बिहार के कारोबारियों को गया में बन रहे लॉजिस्टिक्स पार्क से जोड़ेगा, जिससे उत्पादों को बड़े बाजारों तक पहुंचाना आसान होगा। साथ ही पर्यटन और कनेक्टिविटी में सुधार से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बीच व्यापार और आवागमन को नया आयाम भी मिलेगा।