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17-Apr-2025 06:25 PM
By First Bihar
Bihar News: खबर बिहार के आरा शहर से है, जहां बर्ड फ्लू के कारण 48 मुर्गी और बतख को मारकर जमीन में दफना दिया गया। बता दें कि शहर में बर्ड फ्लू (एवियन इंफ्लूएंजा) का संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 48 मुर्गी और बतखों को मारकर उन्हें जमीन में दफना दिया है, साथ ही उनके अंडों को भी नष्ट कर दिया गया है। वहीं, अब तक इससे 500 से अधिक मुर्गी और अन्य पक्षियों की मौत हो चुकी है। चिकन दुकान को भी अलर्ट किया गया है।
संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एहतियाती कदम
कलेक्ट्रेट के आसपास के इलाके को पूरी तरह सैनेटाइज किया गया है, ताकि वायरस इंसानों तक न पहुंचे। पशुपालन विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और फिलहाल अंडा और चिकन खाने से परहेज करने की अपील की है। विभाग के अनुसार, संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से मानव शरीर में भी वायरस प्रवेश कर सकता है, जिससे बुखार, बदन दर्द, खांसी और सांस संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
बतखों की मौत से शुरू हुआ मामला
जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. दिनकर कुमार ने बताया कि कलेक्ट्रेट के पीछे स्थित माउंट मिलिट्री पुलिस (घुड़सवार पुलिस) शिविर के पास स्थित तालाब में मार्च के अंतिम सप्ताह से लगातार बतखों की मौत की खबरें मिल रही थीं। एक मृत बतख के सैंपल को जांच के लिए पहले पटना के इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल हेल्थ एंड प्रोडक्शन भेजा गया था, जहां से उसे आगे भोपाल स्थित हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज लैब (HSADL) भेजा गया।
बर्ड फ्लू की पुष्टि
भोपाल लैब से 15 अप्रैल को आई रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि बतख की मौत H5N1 स्ट्रेन के बर्ड फ्लू वायरस से हुई थी। इसके बाद पटना से तीन सदस्यीय विशेषज्ञ दल मौके पर पहुंचा और कलेक्ट्रेट व आसपास के इलाकों में मौजूद मुर्गी और बतखों को पकड़कर मार डाला और नजदीकी सुरक्षित स्थान पर दफना दिया गया।
कोइलवर में कौओं की मौत पहले ही बनी थी चेतावनी
गौरतलब है कि मार्च के पहले सप्ताह में कोइलवर में आधे दर्जन कौओं की रहस्यमयी मौत ने ही पहली बार इस संक्रमण की आहट दी थी। उस समय इसे सामान्य समझ कर नजरअंदाज कर दिया गया, लेकिन बाद में बतखों की मृत्यु और वायरस की पुष्टि ने हालात को गंभीर बना दिया।
सरकार का प्रोटोकॉल: एक किलोमीटर के दायरे में नष्ट किए जाते हैं पक्षी
बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद प्रभावित क्षेत्र से एक किलोमीटर के दायरे में मौजूद सभी पक्षियों, उनके अंडों और चारे को नष्ट करना अनिवार्य है। इसी वजह से कलेक्ट्रेट के आसपास के सभी पोल्ट्री पक्षियों को नष्ट कर दिया गया। पशुपालन विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि आवश्यक हुआ, तो पाँच किलोमीटर के रेडियस तक कार्रवाई की जाएगी।
जनता से अपील: सावधानी ही बचाव है
डॉ. दिनकर ने कहा कि बर्ड फ्लू आमतौर पर मानव के लिए जानलेवा नहीं होता, लेकिन लक्षण गंभीर हो सकते हैं। इसलिए लोगों से अनुरोध किया गया है कि कम से कम 15 दिनों तक मुर्गी और बतख का मांस या अंडा न खाएं, खुले में घूम रहे पक्षियों से दूरी बनाए रखें और किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।