पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?
18-Apr-2025 12:54 PM
Bihar News: बिहार सरकार ने राज्य के सभी 102 अनुमंडलों को डीलक्स बस सेवा से जोड़ने का निर्णय लिया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य छोटे कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों को जिला मुख्यालयों और प्रमुख शहरों से बेहतर ढंग से जोड़ना है, जिससे आम लोगों को आवागमन में आसानी हो और आर्थिक, सामाजिक गतिविधियों को बल मिल सके।
इस योजना के तहत पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, सहरसा और मुंगेर जैसे प्रमुख जिला मुख्यालयों से अनुमंडलों के लिए डीलक्स बसें चलाई जाएंगी। ये बसें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी, जैसे आरामदायक सीटें, एयर-कंडीशनिंग, GPS ट्रैकिंग और सुरक्षा कैमरे। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (BSTRC) ने इस परियोजना की पूरी तैयारी कर ली है।
परमिट प्रक्रिया अंतिम चरण में
राज्य भर में कुल 166 डीलक्स बसों का परिचालन प्रस्तावित है। इनमें से 96 बसों को पहले ही परमिट जारी कर दिया गया है, जबकि शेष बसों को 30 अप्रैल तक परमिट देने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। बसों का संचालन मई के पहले या दूसरे सप्ताह से शुरू होने की संभावना है।
BSTRC के अनुसार, यह योजना बिहार के परिवहन ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे पंचायत और प्रखंड स्तर तक के लोगों को बेहतर सार्वजनिक परिवहन की सुविधा मिल सकेगी, जिससे वे सुलभता से शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और प्रशासनिक सेवाओं तक पहुंच सकें।
स्थानीय रोजगार और इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बढ़ावा
इस परियोजना से न केवल आवागमन सुविधाजनक होगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। बस ड्राइवर, कंडक्टर, मैकेनिक, और बस अड्डों पर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए स्टाफ की आवश्यकता होगी। साथ ही, डिपो और टर्मिनलों के निर्माण से परिवहन बुनियादी ढांचे को भी बढ़ावा मिलेगा।
योजना की निगरानी और डिजिटल टिकटिंग
इन बसों के संचालन की निगरानी के लिए एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष बनाया जाएगा, जहां से रूट की निगरानी और यात्रियों की सुरक्षा पर नजर रखी जाएगी। यात्रियों की सुविधा के लिए डिजिटल टिकटिंग सिस्टम भी लागू किया जाएगा, जिससे लंबी कतारों से बचा जा सके और पारदर्शिता बनी रहे।