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08-May-2025 07:43 AM
By First Bihar
Mock Drill: 7 मई 2025 को भारत-पाक तनाव के बीच बिहार के छह शहरों पटना, बेगूसराय, पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज में मॉक ड्रिल ने सबका ध्यान खींचा। ऑपरेशन सिंदूर के बाद युद्ध की आशंका को देखते हुए ये ड्रिल देश भर में हुई, और बिहार में इसे शानदार तरीके से अंजाम दिया गया। शाम 6:58 बजे सायरन की गूंज के साथ शुरू हुई इस रिहर्सल में 10 मिनट तक ब्लैकआउट रहा। लोग सड़कों पर रुक गए, गाड़ियों की लाइटें बंद हुईं, और “भारत माता की जय” के नारे गूंजे। मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि ये ड्रिल सफल रही, और अब बाकी शहरों में भी जल्द ऐसी रिहर्सल होगी।
बताते चलें कि, ये मॉक ड्रिल 54 साल बाद हुई, जब 1971 के भारत-पाक युद्ध में ऐसी तैयारियां देखी गई थीं। ऑपरेशन सिंदूर, जिसमें भारतीय सेना ने PoK और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को तबाह किया, ने तनाव को चरम पर पहुंचा दिया। बिहार में ड्रिल का मकसद था आपात स्थिति में नागरिक सुरक्षा और प्रशासन की तैयारियों को परखना। मीणा ने कहा कि पटना से किशनगंज तक लोगों ने गजब का सहयोग किया। सायरन बजते ही शहर अंधेरे में डूब गए, और 7:00 से 7:10 बजे तक सब कुछ मानो थम सा गया।
बता दें कि, मुख्य सचिव ने छह शहरों के डीएम से 12 बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इनमें सायरन सिस्टम, ब्लैकआउट का पालन, और आपात सेवाओं की तत्परता जैसे पहलू शामिल हैं। मीणा ने कहा कि इन ड्रिल्स से मिले फीडबैक से कमियों को दूर किया जाएगा। पटना में महावीर मंदिर और राजवंशीनगर हनुमान मंदिर जैसी जगहों को भी अस्थायी रूप से बंद रखा गया, ताकि कोई गड़बड़ी न हो। प्रशासन ने अस्पतालों जैसी जरूरी सेवाओं को ड्रिल से बाहर रखा। मीणा ने जोर देकर कहा कि ये रिहर्सल सिर्फ तैयारियों को मजबूत करने के लिए थी, घबराने की जरूरत नहीं।
केवल यही नहीं, मीणा ने लोगों से अपील की कि वे अपने अनुभव साझा करें और छोटी-छोटी जानकारियों को भी प्रशासन तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा, “हर सूचना हमें और बेहतर बनाएगी।” ड्रिल के दौरान बिहार पुलिस, फायर ब्रिगेड, और सिविल डिफेंस कोर ने मिलकर काम किया। पटना में 80 जगहों पर सायरन बजाए गए, और लोग बिना डरे अनुशासित रहे। मीणा ने बताया कि अगले चरण में बिहार के बाकी शहरों में भी चरणबद्ध तरीके से ड्रिल होगी, ताकि हर कोना तैयार रहे।