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तीन साल की जनसुराज यात्रा के बाद आत्ममंथन: प्रशांत किशोर ने भितिहरवा आश्रम में रखा मौन उपवास

तीन साल की जनसुराज यात्रा के बाद आत्ममंथन करने पहुंचे प्रशांत किशोर ने भितिहरवा गांधी आश्रम में एक दिवसीय मौन उपवास रखा। उन्होंने इसे राजनीतिक कार्यक्रम नहीं बल्कि आत्मिक प्रायश्चित बताया।

बिहार

20-Nov-2025 02:27 PM

By First Bihar

DESK: जनसुराज यात्रा की तीन वर्षों की लंबी राजनीतिक साधना, जनसंपर्क तथा निरंतर प्रयासों के बावजूद बिहार की व्यापक जनता तक अपने संदेश को प्रभावी रूप से न पहुँचा पाने के आत्ममंथन स्वरूप जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर गुरुवार को भितिहरवा स्थित गांधी आश्रम पहुँचे। उनके साथ भोजपुरी अभिनेता एवं गायक रितेश पांडे भी पहुँचे। यहाँ उन्होंने एक दिवसीय मौन उपवास आरंभ किया।


सुबह आश्रम पहुँचने के बाद पीके ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद वे अपनी टीम के प्रमुख सदस्यों के साथ शांत भाव से आत्मचिंतन में डूब गए। आश्रम परिसर में उन्हें देखने और समर्थन देने के लिए हजारों की संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक जुटे रहे।


प्रशांत किशोर ने अपने उपवास को किसी प्रकार का राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि आत्मिक प्रायश्चित की प्रक्रिया बताया। जनसुराज की तीन वर्ष की यात्रा के बाद उन्होंने यह कदम इस प्रश्न के उत्तर की तलाश में उठाया है कि “जनता तक हमारा संदेश पूरी तरह क्यों नहीं पहुँच पाया?