NAWADA: पुलिस कस्टडी में युवक की मौत पर एक्शन, थानाध्यक्ष सहित 4 पुलिसवालों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज जयमाला के दौरान हर्ष फायरिंग: गोली लगने से दुल्हन के फुफेरे भाई की दर्दनाक मौत बिहार फ़िल्म सिटी परियोजना में निवेशकों ने दिखाई दिलचस्पी, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अहम बैठक पश्चिम चंपारण में 2 नाव की टक्कर: गंडक नदी में नाव पलटने से 15 लोग डूबे, 2 बच्चियां लापता GOPALGANJ: भाजपा नेता की पत्नी को मिली धमकी, BJP MLC गप्पू सिंह पर गंभीर आरोप Bihar News: बिहार में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार का बड़ा कदम, राज्य के इन फार्मर्स को मिलेगा बड़ा फायदा Bihar News: बिहार में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार का बड़ा कदम, राज्य के इन फार्मर्स को मिलेगा बड़ा फायदा सुपौल के पिपरा नगर पंचायत में भ्रष्टाचार का बोलबाला, सड़क पर उतरे लोगों ने किया प्रदर्शन Bihar News: बिहार में BSRTC के बेड़े में बढ़ेगी CNG बसों की संख्या, परिवहन विभाग की बैठक में मंत्री ने दिए निर्देश Bihar News: बिहार में BSRTC के बेड़े में बढ़ेगी CNG बसों की संख्या, परिवहन विभाग की बैठक में मंत्री ने दिए निर्देश
18-Jun-2025 09:15 PM
By First Bihar
BETTIAH: नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण गंडक नदी का जलस्तर अचानक तेजी से बढ़ गया है। जिससे नदी पर बना अस्थायी चचरी पुल तेज बहाव में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। घटना बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के योगापट्टी प्रखंड अंतर्गत सिसवा मंगलपुर गांव की है जहां चचरी पुल के टूट जाने से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। जिससे लोगों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है।
इस चचरी पुल के बहने से सिसवा मंगलपुर, श्रीनगर, मधातापुर, गोरटोली और आसपास के कई गांवों का आपसी सड़क संपर्क पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। ग्रामीणों के अनुसार, यह पुल उनके रोजमर्रा के जीवन और कृषि कार्यों का आधार था। स्थानीय किसान रामजी साह ने बताया कि चचरी पुल के सहारे ही हम खेतों तक जाते थे। अब नाव से जाना पड़ रहा है, जो बहुत ही खतरनाक है। बारिश और नदी के उफान के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
ग्रामीणों का कहना है कि गंडक नदी के उस पार स्थित हजारों एकड़ की खेती योग्य भूमि तक पहुंचने का यही एकमात्र रास्ता था। अब पुल टूट जाने से ग्रामीण नाव के सहारे खेतों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे उनकी जान-माल की सुरक्षा पर गहरा संकट मंडरा रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से स्थायी पुल के निर्माण की मांग की है ताकि हर साल आने वाली इस प्रकार की आपदा से निजात मिल सके। उन्होंने कहा कि अस्थायी पुल हर वर्ष बाढ़ के दौरान बह जाता है, जिससे आवागमन, बच्चों की पढ़ाई, और कृषि कार्य बुरी तरह प्रभावित होते हैं।
घटना के बाद भी स्थानीय प्रशासन की ओर से अब तक कोई राहत कार्य या वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। इससे ग्रामीणों में गहरी नाराज़गी है। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो वे विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। ग्रामीणों का कहना है कि इस पुल के बहने से सिसवा मंगलपुर से श्रीनगर, मधातापुर, गोरटोली सहित अन्य गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह बाधित हो गया है। यह पुल उनके जीवन का अहम हिस्सा था। हजारों एकड़ की खेती योग्य जमीन गंडक नदी के उस पार है, जहां तक पहुँचने के लिए ग्रामीण इसी पुल का उपयोग करते थे। अब पुल टूट जाने से ग्रामीणों को खेती के कार्य के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे उनकी जान-माल की सुरक्षा पर संकट गहरा गया है।
बेतिया से संतोष कुमार की रिपोर्ट