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01-Jul-2025 02:22 PM
By First Bihar
Bihar Tourism: बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की ओर से पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट जारी हुआ है। मानसून के मौसम और वन्यजीवों के प्रजनन काल को ध्यान में रखते हुए 1 जुलाई से 30 सितंबर 2025 तक जंगल सफारी और अन्य पर्यटक गतिविधियों पर अब पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इस दौरान वाल्मीकिनगर, मंगराहा और गोबर्धना में संचालित होने वाली जंगल सफारी, साइकिल सफारी और गंडक नदी में बोटिंग जैसी गतिविधियां बंद रहेंगी। साथ ही बेतिया और पटना से शुरू होने वाले एक, दो और तीन दिवसीय टूर पैकेज भी स्थगित रहेंगे। यह निर्णय राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण के निर्देशों के तहत लिया गया है।
इस फैसले का मुख्य कारण जानवरों के प्रजनन काल और मानसून के दौरान जंगल के रास्तों की स्थिति है। बारिश के कारण जंगल के रास्तों में जलजमाव और अन्य समस्याएं हो सकती हैं जो पर्यटकों की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं। इसके अलावा इस अवधि में बाघों और अन्य वन्यजीवों के प्रजनन को बढ़ावा देने के लिए शांत और सुरक्षित वातावरण जरूरी है। इस दौरान जंगल के रास्तों की मरम्मत और रखरखाव का काम भी किया जाएगा ताकि पर्यटकों को भविष्य में बेहतर अनुभव मिल सके।
हालांकि इस अवधि में पर्यटकों के लिए कुछ सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। वाल्मीकिनगर, मंगराहा और गोबर्धना में ठहरने की व्यवस्था पहले की तरह चालू रहेगी। इसके अलावा वाल्मीकिनगर में स्थित इको पार्क भी पर्यटकों के लिए खुला रहेगा, जहां वे प्रकृति का आनंद ले सकते हैं। लेकिन जंगल सफारी और अन्य साहसिक गतिविधियों पर इस दौरान पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व बिहार का एकमात्र टाइगर रिजर्व है जो अपनी समृद्ध जैव-विविधता और हिमालयी तराई के जंगलों के लिए जाना जाता है। यह कदम वन्यजीवों के संरक्षण के साथ-साथ पर्यटकों के लिए एक सुरक्षित और सुखद अनुभव सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है।
ज्ञात हो कि पिछले कुछ वर्षों में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है। यह रिजर्व न केवल बाघों, बल्कि 250 से अधिक पक्षी प्रजातियों, गैंडों, भालुओं और अन्य वन्यजीवों का घर है। मानसून के बाद 1 अक्टूबर 2025 से जंगल सफारी और अन्य गतिविधियां फिर से शुरू होने की उम्मीद है। जिसके लिए पर्यटकों को पहले से ऑनलाइन बुकिंग करानी होगी। तब तक पर्यटकों से अपील है कि वे इस निर्णय का सम्मान करें और वन्यजीव संरक्षण में सहयोग करें।