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24-Jun-2025 02:04 PM
By First Bihar
Bihar Teacher News: बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में शिक्षा व्यवस्था की गंभीर लापरवाही सामने आई है। जिले के चनपटिया प्रखंड के चूहड़ी बाजार स्थित लोयला मिडिल स्कूल, जो कि एक निजी विद्यालय है वहां सरकारी शिक्षकों का तबादला कर दिया गया। यह तब खुलासा हुआ जब संबंधित शिक्षक-शिक्षिकाएं योगदान देने विद्यालय पहुँचीं और स्कूल प्रबंधन समेत सभी लोग हैरान रह गए कि एक प्राइवेट स्कूल में सरकारी ट्रांसफर आदेश कैसे जारी हो गया?
जानकारी के मुताबिक, इस लिस्ट में सरकारी मिडिल स्कूलों में कार्यरत तीन शिक्षिकाओं का नाम था जिन्हें लोयला मिडिल स्कूल भेजा गया। वहां पहुँचने पर न तो कोई सरकारी संरचना दिखी और न ही योगदान स्वीकार करने की कोई व्यवस्था। इससे यह साफ हुआ कि शिक्षा विभाग की तबादला सूची में तकनीकी त्रुटि या प्रशासनिक लापरवाही से यह भारी चूक हुई है। फिलहाल, विभागीय अधिकारी इस तबादला सूची को संशोधित करने के लिए उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
बता दें कि असमंजस की स्थिति भरपटिया उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में भी देखी गई है। यहां पहले से ही 32 शिक्षक पदस्थापित हैं, फिर भी हालिया ट्रांसफर लिस्ट के अनुसार 11 नए शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई। इनमें से तीन शिक्षक पहले ही योगदान दे चुके हैं, जिससे विद्यालय में असंतुलन की स्थिति पैदा हो गई है।
सोचने वाली बात यह है कि बिहार के विभिन्न जिलों में कई सरकारी स्कूल अभी भी शिक्षक संकट से जूझ रहे हैं, लेकिन जहां पर्याप्त स्टाफ पहले से मौजूद है, वहां अतिरिक्त पोस्टिंग की जा रही है। यह दर्शाता है कि तबादला सूची तैयार करते समय न तो ज़मीनी हकीकत का विश्लेषण किया गया, न ही स्कूलों की वास्तविक आवश्यकता को ध्यान में रखा गया।
इस पूरी घटना ने शिक्षा विभाग की कार्यशैली, निगरानी प्रणाली और डेटा प्रबंधन पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस तरह की ग़लतियाँ जारी रहीं तो इससे न सिर्फ़ शिक्षकों की कार्यक्षमता पर असर पड़ेगा, बल्कि छात्रों की पढ़ाई भी गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है। अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग इस भूल को कैसे सुधारता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या प्रभावी कदम उठाता है।