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02-Oct-2025 08:11 AM
By First Bihar
Bihar News: पश्चिम चंपारण के घने जंगलों में वन्यजीवों की बढ़ती संख्या अब स्थानीय लोगों के लिए खतरे का सबब बनती जा रही है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के बफर जोन से सटे मंगरुहा वन क्षेत्र के कैरी खेखरिया टोला में बुधवार शाम एक बाघ ने 61 वर्षीय किसान किशुन महतो पर हमला कर उन्हें शिकार बना लिया।
किशुन भैंस चराने पंडयी नदी किनारे गए थे, तभी झाड़ियों से निकला बाघ अचानक उन पर झपटा। चरवाहों के साथ लौटते समय यह खौफनाक हादसा हुआ और बाघ ने किशुन को जबड़ों में जकड़कर जंगल की ओर खींच लिया। सहमे चरवाहों ने गांव जाकर हंगामा मचा दिया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
इस घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। रात करीब 8 बजे सर्च ऑपरेशन में किशुन का शव जंगल से बरामद हुआ। स्थानीय पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और फिर परिजनों को सौंप दिया। किशुन का परिवार में कोहराम मच गया है। उनके पत्नी और बच्चे सदमे में हैं। ग्रामीणों ने बताया कि रिजर्व में बाघों की संख्या 75% बढ़ चुकी है, लेकिन बफर जोन में सुरक्षा की कमी से ऐसे हादसे बढ़ रहे हैं। खेखरिया, महायोगीन, सोफा जैसे आसपास के गांवों में लोग दहशत में हैं, लोग लाठी-डंडों के सहारे रात काट रहे हैं।
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व, बिहार का इकलौता टाइगर सेंचुरी, हिमालयी तराई जंगलों का पूर्वी छोर है। यहां 54 बाघ हैं, लेकिन मानसून के बाद सितंबर-अक्टूबर में शिकार की तलाश में वे बस्तियों में घुस आते हैं। वन अधिकारी नेसमानि के ने कहा है कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए बाड़बंदी और जागरूकता जरूरी है। विभाग ने अब सर्च टीम भेजी है, ताकि बाघ को वापस रिजर्व में धकेला जाए।