ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar election: बिहार चुनाव 2025: पहले चरण के मतदान से पहले पीएम नरेंद्र मोदी 2 नवंबर को पटना में करेंगे रोड शो Chhath Puja 2025: लोक आस्था का महापर्व छठ का दूसरा दिन, उपेन्द्र कुशवाहा की पत्नी ने किया खरना पूजा, छठी मईया से बिहार की तरक्की की कामना Chhath puja 2025: लगातार दूसरे दिन अजय सिंह ने छठ व्रतियों के बीच किया पूजन सामग्री का वितरण Bihar Election 2025 : जदयू विधायक दामोदर रावत का ग्रामीणों से विरोध, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल; जानिए क्या है पूरा मामला Chhath puja : पीएम मोदी ने मन की बात में दी छठ महापर्व की शुभकामनाएं, कहा - घर घर बन रहे ठेकुआ, सज रहे घाट Bihar Election 2025 : बीयर लेकर बिहार आए यूपी के पूर्व विधायक धनंजय कन्नौजिया गिरफ्तार, बीजेपी चुनाव प्रचार मामला, कोर्ट ने भेजा जेल Bihar BJP leader : पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद डॉ. संजय जयसवाल से 10 करोड़ की रंगदारी, बेटे को जान से मारने की धमकी central government employees: केंद्रीय कर्मचारियों की ग्रेच्युटी सीमा बढ़ी, इन लोगों पर नहीं लागू होंगे नियम “अक्षरा सिंह ने खेसारी लाल यादव पर बोला हमला, कहा - वो तो खुलेमाम मेरा ...,ज्योति सिंह को दिया खुला समर्थन” Bihar news: अस्पताल में बेड से गिरने से घायल युवक की दर्दनाक मौत, स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही सवालों के घेरे में...

Bihar News: 78 साल बाद भी बिहार के इस गांव में कोई सुविधा नहीं, बेटियों की शादी तक मुश्किल; लोगों ने किया वोट बहिष्कार का ऐलान

Bihar News: कटिहार के छोटी तेलड़ंगा गांव में 78 साल बाद भी सड़क और पुल की कमी के कारण ग्रामीण किसी और युग में जीने को मजबूर हैं। अब ग्रामीणों का कहना है, "सड़क नहीं तो वोट नहीं।"

Bihar News

26-Oct-2025 07:55 AM

By First Bihar

Bihar News: कटिहार जिले के मनिहारी प्रखंड में केवाला पंचायत का छोटी तेलड़ंगा गांव आजादी के 78 साल बाद भी विकास से वंचित है। गंगा नदी की धाराओं से घिरा यह गांव एक टापू की तरह है, जहां पहुंचने का एकमात्र साधन नाव है। गांव में न सड़क है, न पुल, न स्कूल, न अस्पताल। सरकारी योजनाएं यहां सिर्फ कागजों तक सीमित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हर चुनाव में नेताओं ने सड़क और पुल के वादे किए, लेकिन हकीकत में कुछ नहीं बदला। अब ग्रामीणों ने ठान लिया है कि जब तक सड़क नहीं बनेगी, वे वोट नहीं देंगे। “सड़क नहीं तो वोट नहीं” का नारा गांव में जोर-शोर से गूंज रहा है।


गांव के निवासी मैकू हेंब्रम, बबलू मरांडी और मनोज बास्की बताते हैं कि एक पुल तो बना, लेकिन दोनों तरफ सड़क न होने से वह बेकार है और बरसात में पानी में डूब जाता है। गांव की महिलाएं सबसे ज्यादा परेशान हैं। मरांग कुड़ी मुर्मू के अनुसार, प्रसव के दौरान महिलाओं को नाव से मनिहारी अस्पताल ले जाना पड़ता है जो जोखिम भरा है। कई बार रास्ते में ही मरीज की जान चली जाती है। आवागमन की इस कमी ने गांव की जिंदगी को और मुश्किल बना दिया है।


सबसे दुखद स्थिति बेटियों की शादी को लेकर है। आवागमन की सुविधा न होने से लोग रिश्ते लाने में हिचकते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बारात के लिए गांव तक पहुंचना असंभव-सा है, जिसके कारण कई लड़कियों की शादी नहीं हो पा रही। छात्रा रीना मरांडी ने बताया कि पढ़ाई और भविष्य दोनों नाव के सहारे अधर में लटके हैं। गांव के बच्चे शिक्षा से वंचित हैं, क्योंकि स्कूल तक पहुंचने के लिए नदी पार करनी पड़ती है।


ग्रामीणों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द सड़क और पुल बनाकर गांव को मुख्यधारा से जोड़े। उनका कहना है कि अगर इस बार भी वादे खोखले साबित हुए तो वे मतदान का बहिष्कार करेंगे।


रिपोर्ट: सोनू चौधरी