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04-Jun-2025 09:16 PM
By First Bihar
BHOJPUR: समाज सेवा और धार्मिक आस्था का जब समन्वय होता है, तो वह व्यक्तित्व समाज के लिए एक प्रेरणा बन जाता है। ऐसा ही एक नाम है अजय सिंह — एक समर्पित समाजसेवी और सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता, जिनका जीवन सामाजिक उत्थान के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और सनातन परंपराओं के संरक्षण के लिए भी प्रतिबद्ध है।
धार्मिक आयोजनों में सक्रिय भागीदारी
शनिवार को बड़हरा क्षेत्र में दो महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजनों में भाग लेकर अजय सिंह ने यह सिद्ध कर दिया कि उनके लिए धर्म और समाजसेवा दो अलग रास्ते नहीं, बल्कि एक ही दिशा की दो धाराएँ हैं। पहला आयोजन सिन्हा प्राचीन काली मंदिर परिसर में हुआ, जहाँ ‘शिव परिवार प्राण-प्रतिष्ठात्मक यज्ञ’ का भव्य समापन समारोह संपन्न हुआ। इस पावन अवसर पर अजय सिंह ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए कहा कि ऐसे धार्मिक अनुष्ठान न केवल हमारे धर्म को सुदृढ़ करते हैं, बल्कि समाज को आध्यात्मिक चेतना से भी जोड़ते हैं। संस्कृति तभी जीवित रहती है जब उसे कर्म से सींचा जाए।
गंगा जयंती महोत्सव में भी दी गरिमामयी उपस्थिति
इसके बाद अजय सिंह ने नथमलपुर पंचायत में आयोजित गंगा जयंती महोत्सव में भाग लिया। यहाँ भी उन्होंने संतों और समाजसेवियों के साथ विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि इस पुण्य अवसर पर उपस्थित होकर वे स्वयं को सौभाग्यशाली मानते हैं। श्रेष्ठों का सानिध्य मेरे लिए ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत है। समाजसेवा के मार्ग पर चलते हुए जब संतों और आमजन का आशीर्वाद मिलता है, तो संकल्प और मजबूत होता है।
धर्म-संस्कृति के साथ समाज सेवा को दिया नया आयाम
इन दोनों आयोजनों में उन्होंने न केवल आर्थिक सहयोग प्रदान किया, बल्कि सामाजिक और धार्मिक चेतना को जीवंत बनाए रखने की आवश्यकता पर बल भी दिया। उनका यह समर्पण दर्शाता है कि समाज में सकारात्मक बदलाव केवल भाषणों से नहीं, सक्रिय भागीदारी और संसाधनों के समर्पण से आता है।
युवाओं, पर्यावरण और शिक्षा के लिए भी तत्पर
धर्म और समाज सेवा के अलावा अजय सिंह शिक्षा, युवा सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी लगातार सक्रिय हैं। वे मानते हैं कि आज के युवाओं को अगर दिशा और साधन मिल जाएँ, तो वे समाज के सबसे बड़े परिवर्तनकर्ता बन सकते हैं।
22 जून को संत सम्मेलन का आयोजन
अजय सिंह ने इन धार्मिक कार्यक्रमों में उपस्थित सभी संतों और पुरोहितों को 22 जून को आयोजित होने वाले संत सम्मेलन में भी आमंत्रित किया। उनका उद्देश्य इस सम्मेलन के माध्यम से आध्यात्मिक विचारों और सामाजिक उत्तरदायित्वों के समन्वय को और मजबूत करना है। आज जब समाज में मूल्यों का ह्रास हो रहा है, तब अजय सिंह जैसे व्यक्ति अपनी कर्मठता, आस्था और समर्पण से एक नई राह दिखा रहे हैं। उनकी निरंतरता और निष्ठा निश्चित ही समाज के लिए एक जीवंत प्रेरणा बन चुकी है।
