Bihar Election Voting: पहले चरण में महिलाओं ने किया रिकॉर्ड मतदान, गांव-शहर में दिखा उत्साह Bihar election 2025 : पहले चरण में जबरदस्त वोटिंग, मोकामा बनी सियासत का अखाड़ा; किसके सिर पर सजेगा ताज Bihar Election 2025: पटना में क्यों रहा मतदान प्रतिशत सबसे कम, जानें क्या है कारण? Bihar politics : विजय सिन्हा पर लखीसराय में क्यों हुआ हमला? पिछले साल भी यहीं हुआ था विरोध;जानिए आखिर क्या है वजह Bihar Election 2025: पहले चरण में रिकॉर्डतोड़ मतदान, जानें कौन सा जिला रहा सबसे आगे और कहां हुआ सबसे कम मतदान? Bihar Weather: बिहार के दर्जन भर जिलों में गिरा तापमान, अगले 3 दिनों तक कुछ ऐसा रहेगा मौसम का हाल Bihar Chunav : सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश: अब उम्मीदवारों को नामांकन पत्र में बताना होगा हर आपराधिक मामला — बिहार चुनाव के बीच अहम फैसला Bihar News: बिहार के कटिहार से अपहृत 'कृष्णा' भागलपुर से बरामद, 72 घंटे बाद पुलिस को मिली सफलता Bihar News: सांसद रवि किशन को फिर मिली जान से मारने की धमकी, बिहार के शख्स की तलाश में जुटी पुलिस Bihar Election 2025: RJD प्रत्याशी भाई वीरेंद्र को पुलिस को धमकी देना पड़ा महंगा, FIR दर्ज
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 17 Sep 2025 02:26:43 PM IST
शारदीय नवरात्रि - फ़ोटो GOOGLE
Sharadiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि का पर्व हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तक बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार शारदीय नवरात्रि का आरंभ 22 सितंबर 2025 से हो रहा है और 2 अक्टूबर 2025 को दशहरे के साथ इसका समापन होगा। शरद ऋतु के आगमन के कारण इसे ‘शारदीय नवरात्रि’ कहा जाता है। यह नौ दिन माता दुर्गा के नौ रूपों की उपासना, साधना और आराधना के लिए अत्यंत पवित्र माने जाते हैं।
नवरात्रि का आरंभ घटस्थापना से होता है, जिसे शक्ति उपासना का प्रथम चरण माना जाता है। इस वर्ष घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 22 सितंबर को सुबह 06:09 बजे से 08:06 बजे तक है। वहीं जो लोग अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना करना चाहते हैं, उनके लिए यह मुहूर्त दोपहर 11:49 बजे से 12:38 बजे तक रहेगा। मान्यता है कि विधिपूर्वक घटस्थापना करने से देवी मां पूरे नौ दिनों तक घर में वास करती हैं और साधक को सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति का आशीर्वाद देती हैं।
शारदीय नवरात्रि के दौरान कई महत्वपूर्ण पर्व और पूजन तिथियां होती हैं। इस बार 30 सितंबर को महाअष्टमी, 1 अक्टूबर को महानवमी, और 2 अक्टूबर को विजयदशमी (दशहरा) का पर्व मनाया जाएगा। दशमी तिथि पर मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन भी किया जाता है, जो कि प्रतीक है अधर्म पर धर्म की विजय का।
इस बार नवरात्रि की शुरुआत सोमवार को हो रही है, इसलिए मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर धरती पर पधारेंगी। शास्त्रों के अनुसार, जब देवी हाथी पर आती हैं, तो यह अच्छे वर्षा के योग, समृद्धि, और सुख-शांति का संकेत माना जाता है।
देवी भागवत के अनुसार, नवरात्रि किस दिन से शुरू होती है, उसी दिन के अनुसार देवी की सवारी तय होती है। बता दें कि सोमवार या रविवार से नवरात्रि शुरू हो तो देवी हाथी पर आती हैं। शनिवार या मंगलवार को शुरुआत हो तो सवारी घोड़ा होती है। वहीं, गुरुवार या शुक्रवार से नवरात्रि शुरू हो तो देवी डोली में सवार होकर आती हैं। साथ ही बुधवार से नवरात्रि प्रारंभ होने पर देवी नाव पर सवार होकर आती हैं। इस वर्ष हाथी पर आगमन को बेहद शुभ माना जा रहा है, जिससे लोगों को आर्थिक रूप से लाभ और प्राकृतिक दृष्टि से अच्छी बारिश की उम्मीद है।
नवरात्रि के ये नौ दिन भक्तों के लिए आत्मचिंतन, तपस्या और शक्ति साधना का श्रेष्ठ अवसर होते हैं। माना जाता है कि इन दिनों देवी स्वयं पृथ्वी पर आकर भक्तों के संकट हरती हैं। जो भक्त श्रद्धा और नियमपूर्वक देवी की आराधना करता है, उसके सारे दुखों का नाश होता है। बता दें कि नवरात्रि के समय हर दिन का एक रंग तय होता है मान्यता है कि इन रंगों का उपयोग करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।