Bihar Property Seize : बिहार में इन लोगों की संपत्ति होगी जब्त, सरकार ने लिया बड़ा फैसला INCOME TAX : सुबह-सुबह बिहार में इस जगह IT की रेड, इलाके में मचा हड़कंप Bihar Government : खुशखबरी! इस दिन तक गड्ढामुक्त हो जाएंगी गांव की सड़कें; जानिए क्या है नीतीश सरकार का प्लान Bihar Assembly Election 2025: BJP को बिहार में मिलेगी खुशखबरी? RSS का मिशन 'त्रिशूल' तैयार! बिहार मॉडल की अंदरखाने हो रही चर्चा Bihar News : बिहार का पहला थ्रीडी लैब, अब टीचर के बिना भी मिलेगा ग्रहों का ज्ञान Bihar News: कुख्यात मंटू शर्मा समेत इन 110 अपराधियों की संपत्ति होगी जब्त, पुलिस मुख्यालय ने कर ली तैयारी, लिस्ट में किनका नाम है.... mahakumbh: जेल में बंद पति की तस्वीर के साथ BJP विधायक ने संगम में किया स्नान, सोशल मीडिया पर फोटो हुआ वायरल Bihar Crime: पुलिस पर हमला करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 36 आरोपियों को पुलिस ने दबोचा, 23 महिलाएं भी शामिल यात्रीगण कृपया ध्यान दें: तकनीकी कारणों से कई ट्रेनों के परिचालन में बदलाव, 12 ट्रेनें रद्द Bihar Vidhansabha Election 2025: 'छातापुर' की धरती से चुनावी बिगूल फूंकेंगे मुकेश सहनी...पार्टी उम्मीदवार के नाम का कर सकते हैं ऐलान, जानें...
15-Feb-2025 07:49 AM
आभूषण भारतीय संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा हैं, खासकर महिलाओं के श्रृंगार में। सोने और चांदी के आभूषण न केवल सौंदर्य बढ़ाते हैं, बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी विशेष महत्व रखते हैं। इन आभूषणों को पहनने के कुछ निश्चित नियम और परंपराएं होती हैं, जिनका पालन करना शुभ माना जाता है। सोने के आभूषण को हमेशा कमर के ऊपर पहना जाता है, जबकि चांदी की पायल और बिछिया जैसे आभूषण पैरों में धारण किए जाते हैं। धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से कमर के नीचे सोना पहनना वर्जित माना गया है। आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण।
कमर के नीचे सोना पहनना क्यों वर्जित है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सोना धन और वैभव की देवी माता लक्ष्मी का प्रतीक है। इसे खरीदना और धारण करना सौभाग्य का सूचक माना जाता है।
माता लक्ष्मी का प्रतीक:
सोना माता लक्ष्मी से जुड़ा हुआ है, जो समृद्धि और शुभता की देवी हैं। इसे कमर के नीचे पहनने से यह अनुचित और अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से माता लक्ष्मी की कृपा बाधित हो सकती है और धन-वैभव में कमी आ सकती है।
धार्मिक मान्यता:
सोना पवित्र धातु है और इसे शरीर के ऊपरी हिस्से में पहनने का नियम है। पैरों को हमेशा भगवान और पवित्र चीजों से दूर रखने की परंपरा रही है, इसलिए सोने को पैरों में पहनना अशुभ माना गया है।
पैरों में चांदी की पायल और बिछिया क्यों पहनते हैं?
चांदी को चंद्रमा और शीतलता का प्रतीक माना गया है। यह शरीर की नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकालने में सहायक होती है। पैर से जुड़े आभूषणों में चांदी का प्रयोग करने के पीछे ज्योतिषीय और वैज्ञानिक कारण हैं:
नकारात्मक ऊर्जा का नाश:
चांदी शरीर की अपान वायु (निचली ऊर्जा) को नियंत्रित करती है और उसे बाहर निकालने में मदद करती है। इससे महिलाओं के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, विशेष रूप से मासिक धर्म और मूत्र संबंधी क्रियाओं में।
ऊर्जा संतुलन:
शरीर में ऊर्जा का प्रवाह दो तरह से होता है—ऊपर की ओर और नीचे की ओर। सोना ऊर्जा को समाहित करता है और शरीर के ऊपरी हिस्से में लाभकारी होता है, जबकि चांदी शरीर की नकारात्मक ऊर्जा को नीचे की ओर बहाने में मदद करती है।
पायल और बिछिया के फायदे:
चांदी की पायल और बिछिया पहनने से पैरों के नसों पर दबाव पड़ता है, जो रक्त संचार को बेहतर बनाता है। यह महिलाओं के शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होता है।
धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व का मेल
भारतीय परंपराएं केवल आस्था तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनके पीछे वैज्ञानिक कारण भी छिपे हुए हैं। सोने और चांदी के आभूषण पहनने के नियम न केवल धार्मिक महत्व को दर्शाते हैं, बल्कि स्वास्थ्य और ऊर्जा संतुलन के लिए भी लाभकारी हैं।
सोने और चांदी के आभूषण पहनने के पीछे धार्मिक, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक कारण छिपे हैं। सोने को कमर के ऊपर पहनना माता लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने का प्रतीक है, जबकि चांदी के आभूषण पैरों में पहनने से नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलती है। इन परंपराओं का पालन न केवल शुभता लाता है, बल्कि स्वास्थ्य और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी सुनिश्चित करता है।