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Mahakumbh 2025: जानिए पहला शाही स्नान और उसकी तिथि, विशेष परंपरा

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ 2025 भारतीय संस्कृति और आस्था का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। इस आयोजन में लाखों श्रद्धालु आते हैं, और विशेष रूप से शाही स्नान की परंपरा को अत्यधिक महत्व दिया जाता है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 04 Jan 2025 08:15:52 AM IST

Mahakumbh 2025

Mahakumbh 2025 - फ़ोटो Mahakumbh 2025

Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। महाकुंभ भारतीय संस्कृति और आस्था का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसे हर साल विशेष श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है। यह आयोजन एक धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है, और प्रयागराज का त्रिवेणी संगम, जहाँ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियां मिलती हैं, इसे और भी खास बनाता है।

महाकुंभ में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं और पवित्र नदियों में स्नान कर अपने पापों से मुक्ति पाते हैं। खासतौर पर शाही स्नान की परंपरा बहुत प्रसिद्ध है, जिसमें सबसे पहले साधु संत स्नान करते हैं और इसके बाद आम श्रद्धालु गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं। यह माना जाता है कि इस दौरान जल चमत्कारी प्रभाव से भर जाता है।

महाकुंभ 2025 में पहला शाही स्नान 13 जनवरी से 14 जनवरी तक महाकुंभ 2025 में पहला शाही स्नान 13 जनवरी, 2025 को पौष पूर्णिमा के दिन होगा। यह शाही स्नान 13 जनवरी को सुबह 5:03 बजे से शुरू होकर 14 जनवरी को रात 3:56 बजे तक चलेगा। इस दौरान ब्रह्म मुहूर्त 5:27 से 6:21 बजे तक रहेगा, जबकि विजय मुहूर्त 2:15 से 2:57 बजे तक रहेगा।

महाकुंभ के शाही स्नान के दौरान विशेष ध्यान रखने योग्य बातें शाही स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को कुछ विशेष नियमों का पालन करना होता है। स्नान के समय शैंपू और साबुन का प्रयोग वर्जित माना जाता है, ताकि पवित्र जल अशुद्ध न हो। इसके बाद श्रद्धालु दान-पुण्य और दीपदान करके पुण्य अर्जित कर सकते हैं।

इस महाकुंभ स्नान का उद्देश्य न केवल शारीरिक शुद्धि है, बल्कि आत्मिक उन्नति और पुण्य प्राप्ति भी है।