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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 25 Jan 2025 06:46:42 AM IST
Lord Krishna - फ़ोटो Lord Krishna
Lord Krishna: भगवान श्रीकृष्ण और देवी रुक्मिणी के पुत्र प्रद्युम्न की कहानी भारतीय पौराणिक कथाओं में सबसे अनोखी और रहस्यमयी मानी जाती है। उनके जीवन से जुड़ी घटनाएं, विशेष रूप से उनकी तीन शादियां, चमत्कार और असाधारण घटनाओं से भरी हुई हैं। आइए जानते हैं प्रद्युम्न के जीवन की अद्भुत गाथा।
कामदेव का पुनर्जन्म
प्रद्युम्न को कामदेव का अवतार माना जाता है। कथा के अनुसार, भगवान शिव के क्रोध से भस्म हुए कामदेव की पत्नी रति ने शिव से अपने पति को पुनर्जीवित करने की प्रार्थना की। भगवान शिव ने वरदान दिया कि कामदेव का पुनर्जन्म भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के पुत्र के रूप में होगा। रति ने अगले जन्म में मायावती के रूप में जन्म लिया और अपने पति के आगमन का इंतजार करने लगी।
प्रद्युम्न का अपहरण और मछली के पेट से उद्धार
जब भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के घर प्रद्युम्न का जन्म हुआ, तो राक्षस शंबरासुर ने यह भविष्यवाणी सुन ली कि कृष्ण का पुत्र ही उसकी मृत्यु का कारण बनेगा। उसने नवजात प्रद्युम्न का अपहरण कर लिया और उसे समुद्र में फेंक दिया। एक बड़ी मछली ने उसे निगल लिया। संयोगवश, वह मछली मछुआरों के हाथ लगी और शंबरासुर की रसोई में भेज दी गई।
रसोई में, मायावती ने जब मछली काटी, तो उसमें से एक सुंदर शिशु जीवित निकला। नारद मुनि ने मायावती को बताया कि यह शिशु उनका पूर्व जन्म का पति कामदेव है। तब मायावती ने प्रद्युम्न की माता की तरह पालन-पोषण किया और समय आने पर उन्हें उनकी वास्तविकता से अवगत कराया।
प्रद्युम्न और मायावती का विवाह
जब प्रद्युम्न बड़े हुए, तो उन्होंने मायावती के असली रूप और अपने पिछले जन्म की सच्चाई को समझा। मायावती ने उन्हें शंबरासुर को मारने के लिए प्रेरित किया। प्रद्युम्न ने शंबरासुर का वध किया और मायावती से विवाह किया। इस तरह कामदेव और रति का पुनर्मिलन हुआ।
दूसरी शादी: मामा की बेटी रुक्मवती से
प्रद्युम्न की दूसरी शादी उनके मामा रुक्मी की पुत्री रुक्मवती से हुई। रुक्मवती ने अपने स्वयंवर में प्रद्युम्न को चुना। उनकी वीरता और सुंदरता से प्रभावित होकर राजकुमारी ने उनके साथ विवाह किया।
तीसरी शादी: असुर राजकुमारी प्रभावती से
प्रद्युम्न की तीसरी शादी प्रभावती नामक असुर राजकुमारी से हुई। प्रभावती ने प्रद्युम्न को देखकर उनसे प्रेम किया और उनके साथ भागकर विवाह कर लिया। इस विवाह के दौरान, प्रद्युम्न को प्रभावती के पिता वज्रनाभ से भयंकर युद्ध करना पड़ा। उन्होंने अपनी अद्वितीय शक्ति और कौशल से वज्रनाभ को पराजित कर दिया।
महाभारत में भूमिका और निधन
प्रद्युम्न केवल एक महान योद्धा और राजा ही नहीं, बल्कि महाभारत युद्ध में भी उनकी भूमिका अहम थी। द्वारका की रक्षा में उनका योगदान उल्लेखनीय था। हालांकि, यादव वंश के अंत में हुए आंतरिक संघर्ष में प्रद्युम्न की मृत्यु हो गई। यह त्रासदी यादव वंश के पतन का प्रतीक बनी।
रति और कामदेव: प्रेम और पुनर्मिलन की अद्भुत गाथा
रति और कामदेव की कहानी भारतीय पौराणिक कथाओं में प्रेम, समर्पण और पुनर्मिलन का प्रतीक है। रति, जो संसार की सबसे सुंदर स्त्रियों में मानी जाती थीं, ने अपने पति के लिए जो तप किया, वह प्रेम का सर्वोच्च उदाहरण है।
भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न का जीवन अद्वितीय घटनाओं और प्रेरणादायक कहानियों से भरा हुआ है। उनकी शादियां, वीरता और अद्भुत जीवन की कथा न केवल धार्मिक ग्रंथों में अमर है, बल्कि यह प्रेम, त्याग और साहस की मिसाल भी पेश करती है। उनके जीवन का हर पहलू भारतीय पौराणिक कथाओं में गहराई से दर्ज है और हर पीढ़ी को प्रेरित करता है।