मुजफ्फरपुर में चौंकाने वाला मामला: ससुर की हत्या में बहू का बड़ा खुलासा, एसएसपी से प्रेमी और खुद की गिरफ्तारी की मांग वाल्मीकिनगर में बड़ा हादसा, अनियंत्रित ऑटो ने ट्रॉली में मारी जोरदार टक्कर, 4 की दर्दनाक मौत सरकारी दफ्तर में दिव्य प्रकाश को देखकर कर्मियों में मचा हड़कंप, डर के कारण पढ़ रहे गायत्री मंत्र, ऑफिस छोड़ दूसरे जगह कर रहे काम Rohtas News: जंगल में लकड़ी काटने से रोका तो कर दी पिटाई, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल Siwan news; बालिका गृह से 13 लड़कियां फरार, पुलिस महकमे में मचा हड़कंप गोल इंस्टीट्यूट के सफल छात्रों ने साझा किए अपने अनुभव, कार्यक्रम में उत्साह का माहौल गोल इंस्टीट्यूट के सफल छात्रों ने साझा किए अपने अनुभव, कार्यक्रम में उत्साह का माहौल Allahabad judge :जज के घर मिली नोटों की गड्डी, राज्यसभा में गूंजा मामला Bihar Land Survey: बिहार के इस जिले में जमीन की कीमत का सर्वे शुरू, MVR में बढ़ोतरी की संभावना Currupt IAS ; 5% कमीशन न मिलने पर रोकी फाइल, IAS की खुली पोल, हो गए सस्पेंड!
13-Feb-2025 06:20 AM
Kalashtami 2025: मासिक कालाष्टमी तिथि को तंत्र-मंत्र और साधना के लिए विशेष महत्व दिया जाता है। इस दिन भगवान शिव के उग्र स्वरूप, काल भैरव, की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन की अनेक परेशानियां समाप्त होती हैं और व्यक्ति को विशेष सिद्धियां प्राप्त होती हैं।
मासिक कालाष्टमी मुहूर्त (Masik Kalashtami Muhurat)
फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 20 फरवरी को सुबह 09 बजकर 58 मिनट पर शुरू होकर 21 फरवरी को सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगी। इस बार मासिक कालाष्टमी गुरुवार, 20 फरवरी को मनाई जाएगी।
मासिक कालाष्टमी की पूजा विधि (Masik Kalashtami Puja Vidhi)
स्नान और तैयारी: मासिक कालाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर दैनिक कार्यों से निवृत्त हो जाएं। इसके बाद स्नान के जल में गंगाजल मिलाएं और साफ वस्त्र धारण करें।
सूर्य देव को अर्घ्य: स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें।
पूजा: शुभ मुहूर्त में भगवान काल भैरव की पूजा करें।
शिव चालीसा का पाठ करें।
शिव मंत्रों का जप करें।
निशा काल की पूजा: कालाष्टमी के दिन निशा काल (रात्रि समय) में भी भगवान काल भैरव की आराधना का विधान है। इस दौरान विधि-विधान से भगवान को भोग अर्पित करें और उनकी कृपा प्राप्त करें।
कालाष्टमी व्रत का महत्व (Masik Kalashtami Importance)
डर से मुक्ति: इस दिन भगवान शिव के रुद्रावतार काल भैरव की पूजा करने से साधक को भय, डर और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।
सांसारिक दुखों से मुक्ति: काल भैरव की साधना तंत्र-मंत्र की बाधाओं को समाप्त करती है और व्यक्ति को सांसारिक कष्टों से निजात दिलाती है।
अकाल मृत्यु का भय समाप्त: इस व्रत को करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।
शनि और राहु से मुक्ति: यह दिन शनि और राहु की बाधाओं को दूर करने के लिए भी अत्यंत प्रभावी है।
मासिक कालाष्टमी का व्रत और पूजा विधि व्यक्ति के जीवन को सुखमय और कष्टमुक्त बनाने में सहायक है। यदि यह पूजा श्रद्धा और नियमपूर्वक की जाए, तो इसके फल शीघ्र प्राप्त