ब्रेकिंग न्यूज़

पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?

Kalashtami 2025: मासिक कालाष्टमी कब है, जानें पूजा विधि और महत्व

मासिक कालाष्टमी हिंदू धर्म में एक पवित्र और महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है, जो भगवान शिव के रौद्र रूप, काल भैरव, की आराधना के लिए समर्पित है। यह दिन तंत्र-मंत्र की साधना और विशेष पूजा-अर्चना के लिए जाना जाता है।

Kalashtami 2025

Kalashtami 2025: मासिक कालाष्टमी तिथि को तंत्र-मंत्र और साधना के लिए विशेष महत्व दिया जाता है। इस दिन भगवान शिव के उग्र स्वरूप, काल भैरव, की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन की अनेक परेशानियां समाप्त होती हैं और व्यक्ति को विशेष सिद्धियां प्राप्त होती हैं।


मासिक कालाष्टमी मुहूर्त (Masik Kalashtami Muhurat)

फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 20 फरवरी को सुबह 09 बजकर 58 मिनट पर शुरू होकर 21 फरवरी को सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगी। इस बार मासिक कालाष्टमी गुरुवार, 20 फरवरी को मनाई जाएगी।


मासिक कालाष्टमी की पूजा विधि (Masik Kalashtami Puja Vidhi)

स्नान और तैयारी: मासिक कालाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर दैनिक कार्यों से निवृत्त हो जाएं। इसके बाद स्नान के जल में गंगाजल मिलाएं और साफ वस्त्र धारण करें।

सूर्य देव को अर्घ्य: स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें।

पूजा: शुभ मुहूर्त में भगवान काल भैरव की पूजा करें।

शिव चालीसा का पाठ करें।

शिव मंत्रों का जप करें।

निशा काल की पूजा: कालाष्टमी के दिन निशा काल (रात्रि समय) में भी भगवान काल भैरव की आराधना का विधान है। इस दौरान विधि-विधान से भगवान को भोग अर्पित करें और उनकी कृपा प्राप्त करें।


कालाष्टमी व्रत का महत्व (Masik Kalashtami Importance)

डर से मुक्ति: इस दिन भगवान शिव के रुद्रावतार काल भैरव की पूजा करने से साधक को भय, डर और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।

सांसारिक दुखों से मुक्ति: काल भैरव की साधना तंत्र-मंत्र की बाधाओं को समाप्त करती है और व्यक्ति को सांसारिक कष्टों से निजात दिलाती है।

अकाल मृत्यु का भय समाप्त: इस व्रत को करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।

शनि और राहु से मुक्ति: यह दिन शनि और राहु की बाधाओं को दूर करने के लिए भी अत्यंत प्रभावी है।

मासिक कालाष्टमी का व्रत और पूजा विधि व्यक्ति के जीवन को सुखमय और कष्टमुक्त बनाने में सहायक है। यदि यह पूजा श्रद्धा और नियमपूर्वक की जाए, तो इसके फल शीघ्र प्राप्त