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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 03 Mar 2025 04:35:01 PM IST
सीएम नीतीश कुमार की सफलता की कहानी - फ़ोटो google
Success Story: नीतीश कुमार एक ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने अब तक 9 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, जो एक रिकॉर्ड है। वे कभी राजद के साथ, तो कभी एनडीए के साथ जुड़े रहे, लेकिन दोनों दलों से जेडीयू को कम सीटें मिलने के बावजूद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने। यह सफर आसान नहीं था। आइए, इस मौके पर उनकी जीवनी पर एक नजर डालते हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को बिहार के बख्तियारपुर के कल्यान बिगहा में स्वतंत्रता सेनानी के घर हुआ था। उनके पिता, कविराज राम लखन सिंह (आयुर्वेदिक वैद्य) और माता, परमेश्वरी देवी (गृहिणी) थे। परिवार में यह सामान्य बात थी कि बालक-बालिका का जन्म होता था, लेकिन शायद ही किसी को यह अंदाजा था कि इस दिन जन्मा एक बालक बिहार का मुख्यमंत्री बनेगा।
नीतीश कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल से पूरी की और फिर उच्च शिक्षा के लिए बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। 1972 में इसे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) का दर्जा मिला। यहां से उन्होंने विद्युत अभियांत्रिकी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने बिहार राज्य विद्युत बोर्ड में कुछ समय तक काम किया।
व्यक्तिगत जीवन:
नीतीश कुमार की निजी जिंदगी भी बहुत दिलचस्प रही है। उनके करीबी दोस्त ने अपनी किताब में उनके व्यक्तिगत जीवन के बारे में जानकारी दी है। इसमें बताया गया है कि नीतीश कुमार ने अपनी शादी का विरोध किया था। 1973 में जब वे कॉलेज के अंतिम वर्ष में थे, तब उनके माता-पिता ने मंजू सिन्हा से उनकी शादी तय की थी, लेकिन नीतीश कुमार ने दहेज का विरोध करते हुए शादी के लिए मना कर दिया था, क्योंकि उन्होंने पहले ही यह कसम खाई थी कि वे दहेज नहीं लेंगे। नीतीश कुमार मांस-मछली नहीं खाते हैं, लेकिन अंडे का ऑमलेट उन्हें पसंद है। वे 'उसना चावल' के बहुत शौकिन हैं और उनका पसंदीदा भोजन अरहर की दाल और आलू की कड़ी भुजिया (तेल में तला हुआ) है।
राजनीतिक जीवन:
नीतीश कुमार का राजनीतिक जीवन कॉलेज के दिनों से शुरू हुआ। पटना इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उन्होंने पटना विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में रुचि लेना शुरू किया। 1974 में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में 'संपूर्ण क्रांति आंदोलन' से वे राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय हो गए। इमरजेंसी के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा। पहले दो चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 1985 में वे हरनौत विधानसभा से विधायक बने।
राजनीति में उत्थान:
नीतीश कुमार ने बिहार की राजनीति में कई अहम बदलाव किए। 1989 में वे बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता बने और लालू प्रसाद यादव के साथ भी काम किया। 1994 में उन्होंने जॉर्ज फर्नांडिस के साथ जनता दल से अलग होकर नया राजनीतिक दल बनाया। नीतीश कुमार 6 बार सांसद बने और 1990 में केंद्र में कृषि और सहकारिता राज्य मंत्री बने। बाद में, अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केंद्र में रेल मंत्री बने।
मुख्यमंत्री का पद:
नीतीश कुमार ने 2005 में बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वे 2005 से 2022 तक 9 बार मुख्यमंत्री बने, जो एक रिकॉर्ड है। 2000 में उन्होंने पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन बहुमत न होने के कारण 6 दिन बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद, उन्होंने 2005 में दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और बिहार में बीजेपी और जेडीयू के गठबंधन के तहत पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। इसके बाद, उन्होंने कई बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए।
नीतीश कुमार 2005 से लेकर 2022 तक बिहार में मुख्यमंत्री बने रहे, और विभिन्न परिस्थितियों में अपनी पार्टी और गठबंधन के साथ बिहार की सत्ता संभाली। उन्होंने राजद के साथ गठबंधन तोड़ा और फिर से एनडीए में शामिल हो गए, जहां उन्होंने 9वीं बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। नीतीश कुमार बिहार के सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री पद पर रहने वाले नेता हैं। उनका राजनीतिक सफर संघर्षों से भरा हुआ था, लेकिन उन्होंने अपने संघर्षों के बावजूद बिहार की राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बनाई।