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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 17 Feb 2025 08:16:53 PM IST
तेजस्वी के विधायक का कारनामा - फ़ोटो GOOGLE
PURNIA: बिहार में आरजेडी के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ऐलान कर रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी की सरकार बनेगी तो वे माई-बहिन योजना चलायेंगे. माई-बहिन योजना के तहत बिहार की महिलाओं को हर महीने ढ़ाई हजार रूपये दिये जायेंगे. लेकिन उससे पहले आरजेडी के एक विधायक की पोल खुली है.
विधायक ने अपनी पत्नी, सरकारी नौकरी वाले भाई, पैसे वाली बहन से लेकर परिवार के कई लोगों के नाम पर मनरेगा का जॉब कार्ड बना रखा है. मोटी कमाई कर रहे इन तमाम लोगों को कागज में मजदूरी करते दिखाया गया और सरकारी खजाने से मोटी रकम की निकासी कर ली गयी. बता दें कि मनरेगा योजना बेरोजगार गरीबों को मजदूरी देने की सरकारी योजना है. लेकिन आरजेडी के विधायक ने पत्नी, बहन, भाई को खास रोजगार दे दिया.
आरजेडी विधायक रूकनुद्दीन अहमद का कारनामा
ये कारनामा किया है आरजेडी के विधायक सैयद रूकनुद्दीन अहमद ने. रूकनुद्दीन पूर्णिया के बायसी से आरजेडी के विधायक हैं. उनकी करतूतों की लिस्ट लंबी है, जिसे जानकर आप हैरान रह जायेंगे.
विधायक के कई रिश्तेदारों के नाम बना जॉब कार्ड
बायसी प्रखंड के मीणापुर पंचायत में विधायक का घर है. इस पंचायत में मुखिया से लेकर दूसरे सरकारी कर्मचारी विधायक जी के दरबारी हैं. इसका नतीजा ये हुआ कि विधायक ने अपने पूरे परिवार के नाम पर न सिर्फ मनरेगा का जॉब कार्ड बनवा लिया. बल्कि उन्हें मजदूरी करता दिखा कर सरकारी खजाने से पैसे भी ले लिये.
विधायक की पत्नी ने की मजदूरी
पूर्णिया के बायसी प्रखंड के मीणापुर पंचायत में आरजेडी विधायक रूकनुद्दीन की पत्नी नरगिस जहां के नाम पर जॉब कार्ड निर्गत है. उन्हें कई सालों से कई योजनाओं में मजदूरी करते हुए दिखा कर राशि का उठाव किया जा रहा है. बायसी के आरजेडी विधायक की पत्नी नरगिस जहां का जॉब कार्ड संख्या बीएच -23-003- 012-00804200- 5286 है. उनका खाता बैंक आफ बड़ौदा में है, जिसमें मनरेगा के तहत की गयी मजदूरी के पैसे का भुगतान किया गया.
सरकारी नौकरी कर रहा भाई भी मनरेगा मजदूर
बायसी के आरजेडी विधायक के भाई मु. जकीउद्दीन पूर्णिया के उच्च विद्यालय, बैरिया में सरकारी शिक्षक हैं. लेकिन प्राणपुर प्रखंड में उनके नाम से भी मनरेगा का जॉब कार्ड निर्गत किया गया है और राशि का उठाव किया जा रहा है. विधायक के भाई सैयद जकीउद्दीन का भी जॉब कार्ड 19 मई 2020 को खोला गया और इसका जॉब कार्ड संख्या बीएच -23-003- 012-00804200- 5288 है.
प्रखंड प्रमुख रही बहन भी मजदूर
विधायक की फैमिली रोजगार योजना सिर्फ पत्नी और भाई के नाम पर नहीं है. आरजेडी विधायक की बहन और बायसी की पूर्व प्रखंड प्रमुख कैशर जहां के नाम भी जॉब कार्ड निर्गत कर 2024 के दिसंबर माह तक कार्य दिखा राशि का उठाव किया गया है. विधायक की बहन और बायसी की पूर्व प्रखंड प्रमुख कैशर जहां का मनरेगा जॉब कार्ड पांच जून 2024 को खोला गया है और जॉब कार्ड संख्या बीएच -23-003- 012-00804200- 7069 है. इसका बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया है, जिसमें मजदूरी के पैसे का भुगतान किया जा रहा है.
चचेरे भाई-भावज को भी जॉब कार्ड
इसी तरह आरजेडी विधायक के चचेरे भाई मो. सैयद हसनैन और नाज फातमा के नाम भी मनरेगा योजना के तहत जॉब कार्ड निर्गत किया गया है. उन्हें भी मजदूर बता कर कई दिनों की मजदूरी का भुगतान किया गया है.
विधायक की संबंधी की निजी जमीन पर वृक्षारोपण की भरमार
मीणापुर पंचायत में मनरेगा के तहत सैयद नूर फातमा के जमीन पर वृक्षारोपण की भरमार है. 21 अप्रैल से 28 अप्रैल 2024 को सैयद नूर फातमा के निजी जमीन पर वृक्षारोपण किया गया. एक महीने बाद फिर से 22 मई से 29 मई तक नूर फातमा की ही निजी जमीन पर वृक्षारोपण किया गया. इसके बाद 15 जून से 22 जून 2024 तक नूर फातमा के जमीन पर वृक्षारोपण किया गया.
मनरेगा योजना के तहत हो रहे वृक्षारोपण का काम यहीं नहीं रूका. 22 जुलाई से 29 जुलाई तक, 21 सितम्बर से 25 सितम्बर तक, पांच अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक, 21 दिसंबर से 28 दिसम्बर 2024 तक इसी जमीन पर वृक्षारोपण किया गया. इसी निजी जमीन पर 23 जनवरी 2021 से 30 जनवरी 2021, 24 फरवरी 2021 से तीन मार्च 2021 और 19 मार्च से 26 मार्च 2021 तक वृक्षारोपण किया गया.
विधायक के कारनामे सामने आने के बाद जांच
विधायक रूकनुद्दीन अहमद के कारनामों की चर्चा तब हुई जब उन्होंने जेडीयू के प्रखंड उपाध्यक्ष को अगवा कर बंधक बनाया और बर्बर तरीके से पीटा. जेडीयू नेता ने आरोप लगाया कि पानी मांगने पर विधायक ने उन्हें पेशाब पीने को कहा. किसी तरह जान बचाकर छूटे जेडीयू नेता ने बताया वे लंबे अर्से से विधायक की लूटपाट को उजागर कर रहे हैं. विधायक रूकनुद्दीन मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी कर रहे हैं. इसके बाद सरकारी अमले की नींद टूटी है.
हरकत में आये प्रशासन ने जांच शुरू की है. इस मामले की जांच के लिए उप विकास आयुक्त चंद्रिमा अत्री ने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है. इस जांच टीम की कमान एनईपी के निदेशक अमरेन्द्र सिन्हा को सौंपी गयी है. इस जांच टीम में बायसी के डीसीएलआर तेस लाल सिंह और लोक निवारण शिकायत पदाधिकारी पुरूषोतम को भी शामिल किया गया है.
जांच टीम को ये जिम्मेवारी सौंपी गई है की वह पता लगाये कि विधायक की पत्नी सहित अन्य रिश्तेदारों के नाम कब और कैसे जॉब कार्ड निर्गत किया गया. इसके अलावा इन जॉब कार्ड में मनरेगा की जिन योजनाओं का उल्लेख किया गया है उसकी धरातल पर क्या स्थिति है.
जांच टीम ये भी पता लगायेगी कि जिन योजनाओं विधायक के संबंधियों को काम करता दिखा कर पैसे दिये गये हैं उनमें काम हुआ है या योजना लंबित पड़ी हुई है और राशि का भुगतान हो गया है. सोमवार को जांच टीम का गठन किया गया है और इस टीम को जल्द अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. जांच टीम की रिपोर्ट के बाद इस मामले में कई लोगों पर एक साथ गाज गिरनी तय मानी जा रही है.
विधायक ने खुद को निर्दोष बताया
वहीं, मनरेगा में बड़े पैमाने पर हेराफेरी का मामला उजागर होने के बाद आरजेडी विधायक ने अलग दांव चला है. उन्होंने बायसी प्रखंड स्थित मनरेगा कार्यालय के पदाधिकारियों को एक पत्र भेजा है. इसमें कहा गया है कि विधायक को इस बात की जानकारी ही नहीं है कि उनकी पत्नी और रिश्तेदारों के नाम जॉब कार्ड कैसे बन गया. जॉब कार्ड किसने और कब बनाया ये जानकारी विधायक को नहीं है.
विधायक ने कहा है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनकी पत्नी, भाई, बहन और दूसरे रिश्तेदारों के नाम पर मजदूरी के पैसे बैंक अकाउंट में आ रहे थे. विधायक ने कहा है कि वे निर्दोष हैं और प्रशासन को इस मामले में जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिये. विधायक ने अपने पत्र के माध्यम से जॉब कार्ड बनाने वाले पंचायत रोजगार से लेकर मनरेगा के पदाधिकारियों की भूमिका पर ही सवाल खड़ा कर दिया है.
उधर बायसी प्रखंड में मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी रामअनुज ने मीडिया से कहा कि विधायक की पत्नी नरगिस जहां, विधायक के भाई सैयद जकीउद्दीन और उनकी बहन सह बायसी की पूर्व प्रखंड प्रमुख कैशर जहां के नाम से जॉब कार्ड निर्गत हुआ है. इन जॉब कार्ड के आधार पर रोजगार का सृजन कर राशि का भी उठाव किया गया है. इस मामले में विधायक ने एक पत्र भेजा है जिसमें कहा गया है की जॉब कार्ड कैसे बना इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. पूरे मामले की छानबीन की जा रही है.