Bihar Crime News: सात दिनों के भीतर 5 करोड़ नहीं दिए तो.., बिहार के कारोबारी को नेपाली नंबर से मिली धमकी; करीबी निकला मास्टरमाइंड Bihar Crime News: सात दिनों के भीतर 5 करोड़ नहीं दिए तो.., बिहार के कारोबारी को नेपाली नंबर से मिली धमकी; करीबी निकला मास्टरमाइंड Success Story: 35 लाख की नौकरी ठुकराकर चुनी सिविल सेवा, जानिए… IPS अर्चित चंदक की कहानी Success Story: 35 लाख की नौकरी ठुकराकर चुनी सिविल सेवा, जानिए… IPS अर्चित चंदक की कहानी BIHAR NEWS : प्लेस ऑफ सेफ्टी में बाल कैदी की मौत, परिजनों ने मारपीट कर हत्या का लगाया आरोप Bihar News: त्योहारों में बिहार आनेवाले लोगों को नीतीश सरकार ने दी बड़ी सौगात, बसों के किराए में मिलेगी विशेष छूट; जानिए.. Bihar News: त्योहारों में बिहार आनेवाले लोगों को नीतीश सरकार ने दी बड़ी सौगात, बसों के किराए में मिलेगी विशेष छूट; जानिए.. BIHAR NEWS : त्योहारों पर दिल्ली से बिहार आना होगा आसान, इस दिन से शुरू होगी यह सुविधा Teacher Vacancies: शिक्षक बनने का सपना देख रहे युवाओं के लिए बड़ा मौका, 35 हज़ार से अधिक पदों पर आई बहाली; इस तरह भरें फॉर्म Pawan Singh: पावर स्टार पवन सिंह को क्यों हुआ 5 करोड़ का नुकसान, सता रहा कौन सा डर?
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 24 Mar 2025 07:54:41 AM IST
आरके सिंह - फ़ोटो Google
Bihar Politics : पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरा से भाजपा के पूर्व सांसद आरके सिंह ने बिहार में लागू शराबबंदी कानून का खुलकर विरोध किया है। उन्होंने इसे युवा पीढ़ी के लिए हानिकारक बताते हुए तत्काल हटाने की मांग की है। इसके साथ ही, उन्होंने किसानों की जमीन से जुड़ी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया और क्षेत्र के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
शराबबंदी पर आरके सिंह
आरा के बड़हरा प्रखंड के सरैयां में भीखम दास के मठिया प्रांगण में आयोजित एक किसान संगठन के कार्यक्रम में आरके सिंह ने कहा, "बिहार में शराबबंदी से युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। आज के युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं और शराब के अवैध धंधे में भी जुट रहे हैं। शराबबंदी को हटाने के लिए मैं भी सहमत हूं।" उन्होंने आगे कहा कि इस कानून के कारण पुलिस-प्रशासन शराब माफियाओं को पकड़ने में व्यस्त रहता है, जिससे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
बता दें कि आरके सिंह का यह बयान बिहार की राजनीति में हलचल मचा सकता है, क्योंकि शराबबंदी नीतीश कुमार सरकार की एक प्रमुख नीति रही है। 2016 में लागू इस कानून को नीतीश कुमार ने अपनी सरकार की उपलब्धि के रूप में पेश किया था, लेकिन इसकी आलोचना भी होती रही है। कई लोगों का मानना है कि शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब का कारोबार बढ़ा है, जिससे जहरीली शराब से होने वाली मौतों की घटनाएं भी सामने आई हैं। उदाहरण के लिए, 2022 में सारण जिले में जहरीली शराब से 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद विपक्ष ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला था।
शराबबंदी का युवाओं पर प्रभाव
आरके सिंह ने जो बात कही, वह बिहार के ग्रामीण इलाकों में एक कड़वी सच्चाई को दर्शाती है। शराबबंदी के बाद अवैध शराब का कारोबार बढ़ा है, और इसमें युवाओं की भागीदारी भी देखी जा रही है। कई युवा आसान कमाई के चक्कर में इस धंधे में शामिल हो रहे हैं, जिससे उनका भविष्य खतरे में पड़ रहा है। इसके अलावा, नशे की लत के कारण युवाओं में अपराध की प्रवृत्ति भी बढ़ी है। बिहार पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में शराबबंदी से जुड़े मामलों में 1.5 लाख से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा 18-30 साल के युवा थे।
हालांकि, शराबबंदी के समर्थक तर्क देते हैं कि इस नीति ने घरेलू हिंसा और सामाजिक बुराइयों को कम किया है। नीतीश कुमार ने कई बार दावा किया है कि शराबबंदी से बिहार में महिलाओं की स्थिति बेहतर हुई है। लेकिन आरके सिंह जैसे नेताओं का यह बयान इस नीति की विफलताओं को उजागर करता है। सवाल यह है कि क्या शराबबंदी को पूरी तरह हटाना समाधान है, या इसे लागू करने के तरीके में सुधार की जरूरत है?