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1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Mon, 06 Jan 2025 02:42:05 PM IST
टल सकता है उपचुनाव - फ़ोटो google
Bihar News: राजद के पूर्व विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह की विधान परिषद की सदस्यता रद्द होने के कारण हो रहा उप चुनाव टाला जा सकता है. इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ी टिप्पणी कर दी है. वैसे, सुप्रीम कोर्ट ने सुनील सिंह की सदस्यता रद्द करने के मामले में 9 जनवरी को सुनवाई करने का फैसला लिया है. इस दिन अहम फैसला आ सकता है.
हालांकि सुनील सिंह की सदस्यता रद्द होने के बाद खाली हुई विधान परिषद की सीट पर उप चुनाव के लिए आज यानि सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी गय़ी. आज से नामांकन का दिन शुरू हो गया. नामांकन की आखिरी तारीख 13 जनवरी है. इसी दौरान आज ही सुप्रीम कोर्ट में सुनील कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई भी हुई.
सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी
आरजेडी के पूर्व विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह ने अपनी सदस्यता रद्द करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की. सुनील सिंह की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में कहा कि हमने अपनी सदस्यता रद्द करने पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर कर रखी है. लेकिन इसी बीच खाली सीट पर चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलों पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि चुनाव को टाला जाना चाहिये. वर्ना ये याचिका ही बेमानी हो जायेगी. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि याचिकाकर्ता (सुनील कुमार सिंह) पर सिर्फ एक आरोप है कि उन्होंने एक खास शब्द का इस्तेमाल किया. जवाब में वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इसी शब्द का प्रयोग संसद में भी कुछ सदस्यों द्वारा किया जा चुका है. वहां कुछ स्वतंत्रता है.
9 जनवरी को सुप्रीम फैसला
हालांकि सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि किसी से असहमत होने के बावजूद उसका विरोध सम्मानजनक तरीके से किया जाना चाहिये. जवाब में वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मेरे क्लाइंट (सुनील कुमार सिंह) को परमानेंटली निष्कासित कर दिया गया है. इस अदालत ने इस पर नाराजगी जतायी है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस मामले की सुनवाई के लिए 9 जनवरी की तारीख तय कर दी है. 9 जनवरी को सुनील सिंह की सदस्यता रद्द होने और उप चुनाव पर सुप्रीम फैसला आ सकता है.
बता दें कि पिछले साल जुलाई में आरजेडी के विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह की विधान परिषद की सदस्यता रद्द कर दी गयी थी. सुनील कुमार सिंह पर आरोप लगा था कि उन्होंने 13 फरवरी 2024 को राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद के दौरान सीएम नीतीश कुमार की मिमिक्री की थी और मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद जेडीयू के एमएलसी भीष्म सहनी ने विधान परिषद की आचार समिति के समक्ष याचिका दायर कर सुनील सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
विधान परिषद की आचार समिति के अध्यक्ष और विधान परिषद के उप सभापति प्रोफेसर रामवचन राय ने जुलाई 2024 में सभापति को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी. इसमें एमएलसी पर लगाए गए आरोपों को सही करार देते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की गयी थी. इसके बाद सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सदन में सुनील सिंह की सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे बहुमत से पारित कर दिया गया था. अपनी सदस्यता रद्द होने के खिलाफ सुनील कुमार सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.