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Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में पूरी तरह से हावी रहा परिवारवाद, कई नेताओं के रिश्तेदार जीते; कई को करना पड़ा हार का सामना

Bihar Election 2025: बिहार चुनाव 2025 में परिवारवाद का बड़ा प्रभाव दिखा। सभी दलों के नेताओं के रिश्तेदार मैदान में उतरे—कई जीते, कई हारे। मांझी परिवार की तिहरी जीत हुई वहीं लालू के बेटे तेजस्वी विजयी तो तेजप्रताप पराजित हो गए।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sat, 15 Nov 2025 06:46:49 PM IST

Bihar Election 2025

- फ़ोटो Google

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में परिवारवाद खूब हावी रहा। लगभग सभी दलों के बड़े नेताओं के बेटे-बेटी, बहू-दामाद, पत्नी, समधन और अन्य रिश्तेदार चुनाव मैदान में उतरे। कुछ ने शानदार जीत दर्ज की, जबकि कई को हार का सामना करना पड़ा। परिवारवाद को लेकर न तो एनडीए पीछे रहा और न ही महागठबंधन।


सबसे अधिक सफलता जितन राम मांझी के परिवार के हिस्से आई। उनकी बहू, समधन और दामाद—तीनों ने जीत दर्ज की। इमामगंज से जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी विजयी रहीं। बाराचट्टी से समधन ज्योति देवी ने जीत हासिल की। सिकंदरा से दामाद प्रफुल्ल कुमार ने 23,000 से अधिक वोटों से जीत दर्ज की।


वहीं रालोमो के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेह लता ने सासाराम से जीत दर्ज की। जदयू के टिकट पर पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने नबीनगर से जीत हासिल की। उनकी मां, लवली आनंद, शिवहर से जदयू सांसद हैं।


घोसी से पूर्व सांसद अरुण कुमार के पुत्र ऋतुराज 11,929 वोटों से जीते। नवादा से पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी विजयी हुईं। हरलाखी से पूर्व विधायक बसंत कुशवाहा के बेटे सुधांशु शेखर 36,236 वोटों से जीते। लौकहा से पूर्व मंत्री हरि शाह के बेटे सतीश शाह ने जीत दर्ज की।


भाजपा की ओर से भी कई राजनीतिक परिवारों ने जीत हासिल की। गौरा बौड़ाम से सुजीत सिंह जीते, जबकि उनकी पत्नी स्वर्णा सिंह पहले से विधायक हैं। पूर्व सांसद अजय निषाद की पत्नी रमा निषाद ने औराई से 57,206 वोटों से बड़ी जीत दर्ज की। तारापुर से शकुनी चौधरी के बेटे सम्राट चौधरी 45,843 वोटों से जीते।


बरहरा से अंबिका शरण सिंह के बेटे राघवेंद्र प्रताप सिंह 14,403 वोटों से विजयी रहे। पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के बेटे नीतीश मिश्रा ने झंझारपुर से 50,000 से अधिक वोटों से जीत हासिल की। जमुई से पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की बेटी श्रेयसी सिंह ने 54,498 वोटों से जीत दर्ज की। रघुनाथपुर से बाहुबली नेता शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब विजयी रहे।


आरजेडी के परिवारवाद की बात करें तो लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव राघोपुर से जीत गए लेकिन बड़े बेटे तेजप्रताप यादव चुनाव हार गए और तीसरे स्थान पर रहे। बाहुबली मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला (लालगंज) भी हार गईं। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे आनंद सिंह (रामगढ़) तीसरे स्थान पर रहे।


आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी के बेटे राहुल तिवारी शाहपुर से हार गए। पूर्व मंत्री आर.एन. सिंह के पुत्र डॉ. संजीव सिंह, जिन्होंने जदयू छोड़कर आरजेडी जॉइन की थी, परबत्ता से हार गए। परिहार से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे की बहू स्मिता पूर्वे हार गईं।


मोकामा से सूरजभान की पत्नी वीणा देवी हार गईं। अनंत सिंह, जदयू से जेल में रहते हुए चुनाव जीतने में सफल रहे। पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ के पुत्र फराज फातमी केवटी से हार गए। चिराग पासवान के भांजे सीमांत गढ़खा से चुनाव हार गए।


पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की बेटी लता सिंह, जो जन सुराज के टिकट पर लड़ रही थीं, अस्थावां से पराजित हुईं। कुल मिलाकर, बिहार चुनाव 2025 में परिवारवाद पूरी तरह हावी रहा। कई राजनीतिक घरानों ने अपनी विरासत को मजबूत किया, जबकि कई को जनता ने स्पष्ट संदेश देते हुए चुनाव मैदान से बाहर कर दिया।