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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 15 Nov 2025 04:38:52 PM IST
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Bihar Assembly Result : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने एक बार फिर राज्य की राजनीतिक दिशा और भविष्य को नई राह दिखाई है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने इस चुनाव में अप्रत्याशित रूप से शानदार प्रदर्शन करते हुए 243 सदस्यीय विधानसभा में 202 सीटों पर जीत दर्ज की। चुनाव आयोग (ECI) द्वारा जारी अंतिम आंकड़ों के अनुसार बीजेपी 89 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, वहीं जदयू ने 85 सीटें, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने 19 सीटें, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने कुल 4 सीटों पर जीत हासिल की है। यह नतीजे एनडीए के लिए रिकॉर्ड जीत की तरह हैं, जिसने राज्य में राजनीतिक परिदृश्य को फिर से अपने पक्ष में मजबूत बनाया है।
इस जीत में एनडीए के राजपूत समुदाय के उम्मीदवारों का प्रदर्शन बेहद प्रभावशाली रहा है। एनडीए के कुल 33 राजपूत उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है, जो गठबंधन की सामाजिक समीकरण को मजबूत बनाता है। राजपूत समुदाय पारंपरिक रूप से एनडीए का कोर वोट बैंक रहा है, और इस चुनाव में भी उसने उसी सामूहिक समर्थन को दिखाया है। बीजेपी, जदयू और एलजेपी (रामविलास) के कई दिग्गज चेहरों ने जीत हासिल कर इस समुदाय की राजनीतिक प्रभावशीलता को पुनः प्रमाणित किया है।
नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी के संयुक्त नेतृत्व में एनडीए के चुनाव प्रचार के दौरान विकास, सुशासन, सामाजिक सुरक्षा और लोक कल्याण की योजनाओं को बड़े पैमाने पर जनता तक पहुंचाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों ने भी कई सीटों पर माहौल बदला और मतदाताओं को एनडीए के पक्ष में एकजुट किया। एलजेपी (रामविलास) के चिराग पासवान की भूमिका भी इस चुनाव में अहम रही, जिन्होंने 19 सीटों पर जीत हासिल कर बिहार की राजनीति में अपनी पार्टी की मजबूत उपस्थिति बनाए रखी।
इन 33 राजपूत विजेताओं की सूची से साफ है कि एनडीए ने जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को बनाए रखते हुए उम्मीदवारों का चयन किया था। कई सीटों पर कड़ी टक्कर देखने को मिली, लेकिन अंत में गठबंधन के उम्मीदवारों ने जबरदस्त प्रदर्शन कर जीत सुनिश्चित की। जमुई से श्रेयसी सिंह, छातापुर से नीरज सिंह बबलू, आरा से संजय सिंह टाइगर और बाढ़ सीट से सियाराम सिंह जैसी बड़ी जीतें बीजेपी की मजबूती को दर्शाती हैं।
इसी तरह जदयू उम्मीदवार चैतन आनंद, विनय सिंह, मंजीत सिंह और प्रमोद सिंह जैसी जीतें यह दिखाती हैं कि नीतीश कुमार का आधार वोट अभी भी दृढ़ है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से महुआ, देहरी, सिमरी बख्तियारपुर और अन्य सीटों पर सिंह समुदाय के उम्मीदवारों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर पार्टी की छवि को और मजबूत किया है।
सुजीत कुमार सिंह – गौरा बौराम (BJP)
कर्णजीत सिंह – दारौंधा (BJP)
संजय कुमार सिंह – लालगंज (BJP)
नीरज सिंह बबलू – छातापुर (BJP)
जनक सिंह – तरैया (BJP)
केदारनाथ सिंह – बनियापुर (BJP)
अरुण सिंह – बरूराज (BJP)
राजू सिंह – साहेबगंज (BJP)
राणा रणधीर सिंह – मधुबन (BJP)
संजय कुमार सिंह – महुआ (LJP)
मंजीत सिंह – बरौली (JDU)
सुभाष सिंह – गोपालगंज (BJP)
त्रिविक्रम सिंह – औरंगाबाद (BJP)
राजेश कुमार सिंह – मोहीउद्दीननगर (BJP)
बिरेंद्र सिंह – वज़ीरगंज (BJP)
श्रेयशी सिंह – जमुई (BJP)
प्रमोद सिंह – रफीगंज (JDU)
अशोक कुमार सिंह – रामगढ़ (BJP)
कोमल सिंह – गैघाट (JDU)
सोनू सिंह – देहरी (LJP)
लेशी सिंह – धमदाहा (JDU)
अमित कुमार रानू – बेलसंड (LJP)
बिनय बिहारी सिंह – लौरिया (BJP)
राहुल सिंह – डुमरांव (JDU)
विनय सिंह – सोनपुर (BJP)
आलोक कुमार सिंह – डुमरांव (RLM)
चैतन आनंद – नवीनगर (JDU)
सियाराम सिंह – बाढ़ (BJP)
रणधीर सिंह – मांझी (JDU)
संजय सिंह टाइगर – आरा (BJP)
राघवेंद्र प्रताप सिंह – बरहरा (BJP)
नितेश सिंह – कस्बा, पूर्णिया (LJP)
संजय कुमार सिंह – सिमरी बख्तियारपुर (LJP)
एनडीए की यह जीत आने वाले वर्षों में बिहार की राजनीति को फिर से परिभाषित करेगी। 202 सीटों का जनादेश राज्य में स्थिर और मजबूत सरकार बनाने का अवसर देता है। राजपूत समुदाय की निर्णायक भूमिका इस चुनाव का एक प्रमुख पहलू बनकर उभरी है, जिसने एनडीए की जीत में बड़ा योगदान दिया है। अब सबकी निगाहें नई सरकार के गठन और उसके आगे की नीतियों पर टिकी हैं, जो बिहार को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण होंगी।