1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 22 Mar 2025 07:46:11 PM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar diwas: बिहार और छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपराएं, त्योहार और पारिवारिक मूल्य एक-दूसरे से गहरे जुड़े हुए हैं। यह संबंध सिर्फ भौगोलिक नहीं, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक भी है। बिहार की लिट्टी-चोखा और छत्तीसगढ़ का चिला, तीजा और चाट—दोनों राज्यों के खानपान और परंपराओं में समानता दिखती है। करमा चौथ और छठ पूजा, दोनों राज्यों में मातृशक्ति और प्रकृति से जुड़े उत्सवों का प्रतीक हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शनिवार को भिलाई में आयोजित बिहार दिवस कार्यक्रम में यह बातें कही।
मुख्यमंत्री ने बिहार से आए लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि सभी को मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" के संकल्प को आगे बढ़ाना है। यह आयोजन आपसी भाईचारे, सौहार्द और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने का उदाहरण है। बिहार और छत्तीसगढ़ का "रोटी-बेटी का रिश्ता" सिर्फ एक कहावत नहीं, बल्कि सामाजिक वास्तविकता बन चुका है।
अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी माता अभिभाजित बिहार से थीं और उनका झारखंड से भी संबंध रहा है। उन्होंने छठ पूजा का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पर्व अब छत्तीसगढ़ में भी पूरी भव्यता के साथ मनाया जाता है और इसकी तैयारी पहले से कर ली गई है।
सीएम ने बिहार की महान हस्तियों को याद करते हुए राज्य के गौरवशाली इतिहास को नमन किया। उन्होंने कहा कि भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद बिहार से थे। नालंदा विश्वविद्यालय, जिसने भारत को विश्वगुरु बनाया, बिहार की ही देन है। गणितज्ञ आर्यभट्ट, जिन्होंने शून्य की खोज की, और सामाजिक न्याय के पुरोधा कर्पूरी ठाकुर जैसी विभूतियां बिहार की भूमि से निकली हैं, जिन्होंने पूरे देश को प्रेरणा दी।