ब्रेकिंग न्यूज़

Railway news : रेलवे ने नहीं दी जमीन, इस जगह रूक गया निर्माण कार्य; जानिए क्या है इसकी वजह JOB IN BIHAR : बिहार पुलिस में नौकरी का शानदार मौका, जल्द ही हजारों पदों पर होगी बहाली.... BIhar Politics: नीतीश सरकार सूबे के 'मुखिया' को देने जा रही बड़ी सौगात...8 हजार से अधिक पंचायतों को होगा फायदा Hearing on BPSC re-exam : : BPSC 70वीं PT री-एग्जाम की याचिका पर आज पटना हाईकोर्ट में सुनवाई, रिजल्ट रोकने की भी मांग WEATHER UPDATE : ठंड से कांप रहा उत्तर भारत, दिल्ली-UP में कोहरे का कहर, बारिश का येलो अलर्ट जारी Delhi News: अरविंद केजरीवाल पर हमला कर सकते हैं खालिस्तानी आतंकी, खुफिया विभाग ने जारी किया अलर्ट maha kumbh 2025 : जानिए नागा साधुओं को क्यों नहीं दी जाती मुखाग्नि, क्या है इसके पीछे की वजह और कैसे होता है अंतिम संस्कार INDIAN RAILWAY : पटना से श्रीमाता वैष्णो देवी जाना होगा कठिन ! रेलवे ने जम्मू जाने वाली कई ट्रेनों को किया कैंसिल, जानिए वजह JOB IN BIHAR : बिहार के 14 रेलवे स्टेशनों पर क्लर्क की नौकरी पाने का सुनहरा मौका, जानिए कैसे करें आवेदन republic-day 2025 : खुशखबरी! 8 साल बाद दिल्ली में दिखेगी बिहार की झांकी, जानिए क्या होगा ख़ास

Raid In Patna: बड़ी खबर : सुबह -सुबह RJD विधायक आलोक मेहता के 16 ठिकानों पर पड़ी रेड, बैंक लोन से जुड़ा है मामला

Raid In Patna: राजद के विधायक आलोक मेहता के 16 ठिकानों पर आज सुबह ED की रेड पड़ी है। यह मामला बैंक लोन से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।

Bihar Politics

10-Jan-2025 09:01 AM

Raid In Patna : इस वक्त की बड़ी खबर बिहार के सियासी गलियारों से निकलकर सामने आ रही है। जहां राजद के विधायक आलोक मेहता के 16 ठिकानों पर आज सुबह ED की रेड पड़ी है। यह मामला बैंक लोन से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। यह छापेमारी बिहार, दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत 16 ठिकानों पर जारी है। 


जानकारी के मुताबिक बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और राजद के विधायक आलोक मेहता के कई ठिकानों पर छापेमारी चल रही है। Ed की टीम आलोक मेहता और उनसे जुड़ी कई कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय कि टीम आज सुबह-सुबह राजधानी पटना के आवास पर पहुंची है और यहां भी छापेमारी कर रही है।  इस टीम के दर्जनों अधिकारी राजद के विधायक से मामले कि जानकारी ले रहे हैं और छापेमारी कर रहे हैं।


बताया जा रहा है कि वैशाली शहरी कॉरपोरेशन बैंक से जुड़ा करोड़ों रुपए के बैंक लोन घोटाला का मामला है। इस मामले में बैंक के प्रमोटर, चेयरमैन,CMD,CEO सहित कई अन्य अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। ऐसे में अब इस मामले में  प्रवर्तन निदेशालय की टीम 16 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। यह छापेमारी पटना,दिल्ली,उत्तर प्रदेश, कोलकाता  समेत कुल 16 ठिकानों पर चल रही है। फिलहाल राजद विधायाक के पटना के सरकारी आवास पर भी एक टीम छापेमारी कर रही है।


सूत्रों से मिली  जानकारी के अनुसार तकरीबन 85 करोड़ के बैंक घोटाले की बात कही जा रही है। इसमें फर्जी तरीके से लोन अकाउंट बनाया गया और पैसे का फर्जीवाड़ा किया गया। आलोक मेहता राजद के बड़े नेता है और उजियारपुर इलाके से इनका वास्ता रहा है। ऐसे में बिहार के 9 ठिकानों पर ईडी की टीम छापेमारी कर रही है। आलोक मेहता इस सरकारी बैंक के प्रमोटर रहे हैं। ऐसे में उनकी भूमिका काफी संदिग्ध बताई जा रही है। 


बता दें, राजधानी पटना में राजद विधायक आलोक मेहता के सरकारी आवास पर भी छापेमारी जारी है। आज सुबह ही बड़ी संख्या में पुलिस वहां पहुंची हुई है। आलोक मेहता राजद के वरिष्ठ नेता हैं। महागठबंधन की सरकार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का जिम्मा संभाल रहे थे। ऐसे में अब उनके आवास पर यह छापेमारी चल रही है।


वर्तमान में बैंक के चेयरमैन और आलोक मेहता के भतीजे संजीव मेहता की मानें तो ये जो बैंक में इतना बड़ा राशि का फर्जीवाड़ा है , वो विगत 10 - 20 साल से चल रहा है।  पहले मंत्री अलोक मेहता और उनके पिता चेयरमैन बने। आलोक मेहता करीब 20 साल तक इस बैंक के चेयरमैन रहे है। खुलासा हुआ की लिच्छवि कोल्ड स्टोरेज Pvt Ltd और महुआ कोऑपरेटिव कोल्ड स्टोरेज नाम की 2 कंपनियों ने बैंक के करीब 60 करोड़ का गबन किया है। इन दो कंपनियों ने अपनी गारण्टी पर करोड़ का लोन निकासी किया था। फर्जी कागजातों के सहारे किसानो के नाम पर दी गई। करोड़ों के इस लोन में बैंक ने भी नियम कायदो को ताक पर रख लोन जारी किया था।


खुलासा ये भी हुआ की इस कोऑपरेटिव बैंकप्रबंधन ने फर्जी LIC बांड और फर्जी पहचानपत्र वाले लोगों के नाम 30 करोड़ से ज्यादा रकम की निकासी कर ली है।बताया जाता है कि आलोक मेहता के पिता तुलसीदास मेहता ने करीब 35 साल पहले हाजीपुर में वैशाली शहरी कोऑपरेटिव बैंक की शुरुआत की थी। राजनितिक रसूख के दम पर बैक चल निकला और साल 1996 में इस बैंक को RBI का लाइसेंस भी मिल गया। इसके बाद आलोक मेहता ( 1995 से ही ) बैंक के चेयरमैन बने और लगातार 2012 तक बैंक के प्रबंधन की कमान संभाले रखा। 


इस बीच 2004 में उजियारपुर से लोकसभा का चुनाव जीत सांसद भी बने , लेकिन आलोक मेहता लगातार बैंक प्रबंधन की कमान संभाले रहे। 2012 में अचानक आलोक मेहता ने अचानक बैंक प्रबंधन का शीर्ष कमान अपने मंत्री पिता तुलसीदास मेहता को सौंप दिया और बैंक से खुद को अलग कर लिया। इस दौरान यह बात भी सामने आई है कि 2015 में भी इस तरह की गड़बड़ी हुई थी। जिसमें RBI ने बैंक के वित्तीय कारोबार को बंद करा दिया था। गड़बड़ियों के आरोप में आलोक मेहता के पिता तुलसीदास मेहता पर एक्शन हुआ था। 


इधर, विवाद में आने के बाद आलोक मेहता के भतीजे संजीव को बैंक की कमान सौप दी गई और संजीव लगातार इस बैंक के चेयरमैन बने रहे। ये आरोप लगाया जा रहा है 2012 में भी घोटाले से बचने के लिए अलोक मेहता ने आनन् फानन में बैंक की कमान अपने मंत्री पिता को सौप खुद को बचा लिया था और RBI के गाज उनके पिता तुलसीदास मेहता पर गिरी थी।  बैंक और बैंक से लोन ( फर्जी ) लेने वाले सभी लोग मंत्री जी के परिवार के इर्द गिर्द के लोग है।