Modi-Trump Meeting: कौन है तहव्वुर राणा? जिसे 26/11 मामले में लाया जाएगा भारत

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद बड़ा ऐलान किया है। 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को जल्द ही भारत लाया जाएगा. आइए आपको बताते हैं कौन है तहव्वुर राणा

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 14 Feb 2025 08:44:25 AM IST

तहव्वुर राणा

तहव्वुर राणा - फ़ोटो तहव्वुर राणा

26/11 मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को जल्द ही भारत लाया जाएगा। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद यह बड़ा ऐलान किया। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है और उसे जल्द ही भारतीय एजेंसियों को सौंप दिया जाएगा। व्हाइट हाउस में पीएम मोदी के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान ट्रंप ने कहा, "हम एक बेहद हिंसक व्यक्ति को भारत को सौंप रहे हैं। अपराध के मामले में भारत के साथ हमारी साझेदारी मजबूत होगी।" ट्रंप ने अमेरिका में खालिस्तानी अलगाववादियों और भारत विरोधी तत्वों पर भी चर्चा की।


तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है और पेशे से डॉक्टर रह चुका है। वह पाकिस्तानी सेना में भी अपनी सेवाएं दे चुका है। उसे 2008 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड डेविड हेडली का करीबी बताया जाता है और कहा जाता है कि राणा ने हमले के लिए वित्तीय मदद मुहैया कराई थी। हालांकि, जब अमेरिकी अदालत ने 2009 में राणा को गिरफ्तार किया था, तो उसे मुंबई हमलों के आरोपों से बरी कर दिया गया था। इसके बावजूद भारत ने कूटनीतिक प्रयासों के जरिए उसके खिलाफ सबूत जुटाए और अमेरिका से प्रत्यर्पण की मांग की। राणा ने 13 नवंबर को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन अदालत ने 21 जनवरी को इसे खारिज कर दिया था। अब ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के बाद राणा को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है।


26 नवंबर 2008 की रात को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी "कुबेर" नामक नाव में सवार होकर समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसे। AK-47 राइफल, पिस्तौल, 80 ग्रेनेड और दूसरे हथियारों से लैस इन आतंकवादियों ने ताज होटल, ट्राइडेंट होटल, नरीमन हाउस, CST रेलवे स्टेशन और कैफे लियोपोल्ड को निशाना बनाया। 60 घंटे तक चले इस आतंकी हमले में 175 लोगों की जान चली गई, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए। सुरक्षा बलों ने 9 आतंकवादियों को मार गिराया, जबकि अजमल कसाब एकमात्र जिंदा पकड़ा गया आतंकवादी था, जिसे बाद में फांसी दे दी गई।


भारत सरकार का मानना है कि तहव्वुर राणा 26/11 हमले की साजिश का अहम हिस्सा था और उसे हमले की पहले से जानकारी थी। राणा का प्रत्यर्पण भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत होगी, जिससे मुंबई हमलों की गहरी साजिश से जुड़े कई और राज सामने आ सकते हैं। राणा का प्रत्यर्पण भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते सहयोग का संकेत देता है। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने की रणनीति बना रहे हैं। ट्रंप के इस ऐलान को मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है।