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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 10 Feb 2025 11:17:08 PM IST
arvind kejriwal - prashant kishore - फ़ोटो arvind kejriwal - prashant kishore
जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की करारी हार के पीछे कई कारण गिनाए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अस्थिर राजनीतिक स्थिति और राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ती सत्ता विरोधी लहर हार के मुख्य कारण थे।
इंडिया गठबंधन में शामिल होने और उससे अलग होने से समीकरण बिगड़े
एक साक्षात्कार में किशोर ने कहा कि केजरीवाल का विपक्षी पार्टी भारत गठबंधन में शामिल होना और फिर चुनाव से ठीक पहले उससे अलग होना एक बड़ी रणनीतिक भूल साबित हुई। इस गठबंधन में सोनिया गांधी और लालू प्रसाद जैसे नेता शामिल थे, जिनके खिलाफ केजरीवाल ने अपने शुरुआती दिनों में लड़ाई लड़ी थी।
शराब नीति घोटाले में गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा न देना एक गलती साबित हुई
किशोर ने कहा कि "आप की हार का पहला कारण 10 साल की सत्ता विरोधी लहर थी। दूसरा और बड़ा कारण गिरफ्तारी के बावजूद केजरीवाल का मुख्यमंत्री बने रहना था। उन्हें जमानत के बाद इस्तीफा देकर किसी और को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए था। यह एक बड़ी रणनीतिक भूल साबित हुई।"
शासन में खामियां हार का कारण बनी
किशोर ने कहा कि केजरीवाल का एलायंस में शामिल होना और फिर अचानक उसे छोड़ देना उनकी विश्वसनीयता के लिए नुकसानदेह साबित हुआ। उन्होंने कहा, "हाल के वर्षों में उनकी शासन शैली भी कमजोर रही है।" किशोर ने कहा कि जलभराव, सड़कों की खराब स्थिति और झुग्गीवासियों के जीवन स्तर में सुधार न कर पाने जैसी प्रशासनिक विफलताएं भी आप की हार का कारण बनीं।
भाजपा ने आप के 10 साल के शासन का अंत किया
भाजपा ने शनिवार को दिल्ली विधानसभा की 70 में से 48 सीटें जीतकर आप के 10 साल के शासन का अंत कर दिया। प्रशांत किशोर ने कहा, "झुग्गीवासियों की परेशानियों ने प्रशासन की खामियों को उजागर किया और केजरीवाल के शासन मॉडल को कमजोर किया।"