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जमीन विवाद को लेकर पुरानी व्यवस्था, निजी रैयती जमीन का केस डीसीएलआर देखेंगे

1st Bihar Published by: Updated Fri, 17 Sep 2021 07:15:14 AM IST

जमीन विवाद को लेकर पुरानी व्यवस्था, निजी रैयती जमीन का केस डीसीएलआर देखेंगे

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PATNA : जमीन विवाद से जुड़े मामलों के निपटारे को लेकर नीतीश सरकार एक के बाद एक फैसले कर रही है। राज्य मैं निजी रैयती जमीन के विवाद को लेकर विभाग में अब एक और बड़ा फैसला किया है। भूमि सुधार उप समाहर्ता यानी डीसीएलआर अब निजी रैयती जमीन के विवाद से जुड़े केस भी देखेंगे। खास बात यह है कि किसी भी विवाद में उनकी तरफ से दिए गए फैसले की अपील अब सीधे प्रमंडलीय आयुक्त के कोर्ट में की जा सकेगी। डीसीएलआर की तरफ से जमीन विवाद के फैसले को अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी अंचलाधिकारी और संबंधित थाने की होगी।


प्रदेश में पहले भी यह व्यवस्था लागू थी। डीसीएलआर रैयती जमीन से जुड़े विवाद को देखते थे लेकिन 5 साल पहले इसे खत्म कर दिया गया था। अब एक बार फिर 5 साल बाद डीसीएलआर को रैयती जमीन से जुड़े विवाद के निपटारे की जिम्मेदारी दे दी गई है। राज्य में जमीन विवाद निराकरण अधिनियम 2009 फिर से पुराने रूप में लागू हो गया है। जिसके तहत यह अधिकार डीसीएलआर को मिले हैं। राज्य सरकार के इस फैसले के बाद अब जमीन से जुड़े छोटे विवादों को लेकर लोग सिविल कोर्ट नहीं जाएंगे। सिविल कोर्ट में ऐसे मामलों के निपटारे में काफी लंबा वक्त लग जाता था। डीसीएलआर कोर्ट से फैसला जल्दी आ जाएगा और उसकी अपील भी कमिश्नर कोर्ट में की जा सकेगी।


इस पुराने निर्णय को एक बार फिर से लागू किए जाने के पीछे सरकार की मंशा यह है कि कोर्ट के ऊपर काम के दबाव को कम किया जाए। फिलहाल डीसीएलआर को सिर्फ सरकारी जमीन का विवाद देखने को अधिकार दिया गया था। आपको बता दें कि 2009 में बने भूमि विवाद निराकरण अधिनियम में डीसीएलआर को निजी जमीन का विवाद देखने का अधिकार भी दिया गया था लेकिन हाईकोर्ट ने एक मामले में सुनवाई के दौरान अधिनियम की इस व्यवस्था को निरस्त कर दिया था।