'युवा बनकर आया था बुजुर्ग बनकर जाऊंगा ...,' चाचा पारस से हो गई चिराग की डील, जमुई में बोले ... कभी नहीं छोडूंगा साथ

'युवा बनकर आया था बुजुर्ग बनकर जाऊंगा ...,' चाचा  पारस से हो गई चिराग की डील, जमुई में बोले ... कभी नहीं छोडूंगा साथ

JAMUI : एक आशीर्वाद आप लोगों से मैंने शुरुआती दौर में ही मांगा था अब वापस व आशीर्वाद मांग रहा हूं कि जवानी में जमुई आया हूं और अब यहां से बुजुर्ग बनकर ही जाऊंगा। आप अपना आशीर्वाद हमें हमेशा देते रहें। मेगालिथिक बातों में नहीं जाऊंगा कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि आपके लिए हमेशा मैं छोटा सेवक रहा हूं और सेवक बना रहूंगा। यह बात है आज जमुई के सांसद और लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने जमुई में कही है।


दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना के अंतर्गत बिहार के 49 रेलवे स्टेशनों का पुनः निर्माण कराया जाना है। इस लिस्ट में जमुई का भी नाम शामिल है और इसी को लेकर वहां के स्थानीय सांसद चिराग पासवान जमुई पहुंचे थे। जहां मंच से संबोधन के दौरान चिराग पासवान ने कहा कि - मेरे पिता ने एक सपना देखा था आज वह सपना पूरा हो रहा है तो यकीनन मुझे काफी खुशी हो रही है। मैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव जी को विशेष तौर पर धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने लगातार मुलाकात में इस बात का विश्वास दिलाया तो उनकी पहली नजर जमुई जैसा क्षेत्र जिसको नक्सल प्रभावित क्षेत्र कहा जाता है वहां भी है। 


जबकि यह क्षेत्र मुख्यधारा से एक लंबे समय तक दूर रहा। लेकिन आज जमुई में भी इस तरक्की के केंद्र की परियोजनाओं एक से बढ़कर एक आ रहे हैं। चाहे केंद्रीय विद्यालय हो मेडिकल कॉलेज हो, पासपोर्ट ऑफिस हो , एफसीआई का रीजनल ऑफिस हो एक के बाद एक इस तरह की योजनाओं का हमारे क्षेत्र में आना यकीनन दर्शाता है कि वह दिन दूर नहीं जब जमुई बिहार के सबसे विकसित जिलों में से एक होगा। एक सांसद के नाते मेरा लगातार प्रयास रहा आगे भी इसके विकास के लिए प्रयास करता रहूंगा। मुझे आप लोग का आशीर्वाद हमेशा मिला है आगे भी उम्मीद है कि आपका आशीर्वाद मिलेगा। मैं पुणे दोहराता हूं राजनीतिक बातों में नहीं जाऊंगा कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा। लेकिन हां यह आशीर्वाद मैंने आप लोगों से मांगा था आप पुनः यह आशीर्वाद मांगता हूं कि युवा बनकर आया था बुजुर्ग बन कर जाऊंगा। अपना आशीर्वाद आप लोग देते रहे।


मालूम हो कि, इससे पहले एक दैनिक अखबार से बात करते हुए चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस जो वर्तमान में हाजीपुर सीट से सांसद हैं और केंद्र में मंत्री पद पर भी हैं उन्होंने खुद के संसदीय सीट से  चिराग पासवान के चुनाव लड़ने की चर्चा को लेकर कहा था कि-   चिराग पासवान तो जमुई से सांसद हैं। उनका हाजीपुर से दावा कैसे? वे जमुई से लड़ें। चिराग ने तो जमुई की जनता से कहा था, हमेशा जमुई की सेवा करता रहूंगा। लेकिन अब जमुई की जनता के साथ विश्वासघात क्यों कर रहे?  दुनिया की कोई ताकत मुझे हाजीपुर से चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती। मैं हाजीपुर छोड़ कर कहीं नहीं जाऊंगा। चिराग के एनडीए में आने से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता हाजीपुर मेरा इलाका है। वहीं, अब आज इशारों -इशारों में ही सही चिराग ने भी साफ़ कर दिया है कि वो हाजीपुर से चुनाव लड़ने का तो सोच जरूर रहे हैं , लेकिन जमई भी नहीं छोड़ने वाले हैं , वो इस सीट से  वापस से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे और आगे भी लड़ते रहेंगे।


आपको बताते चलें कि, एनडीए में पशुपति पारस के रालोजपा की भागीदारी तो पहले से ही तय हैं लेकिन अब इसमें चिराग पासवान के नेतृत्व वाले लोजपा (आर) भी हिस्सा बन चुकी है। इसके साथ ही  पारस और चिराग में हाजीपुर सीट काे लेकर खींचतान है। चिराग हाजीपुर से ही लड़ना चाह रहे हैं, पर चाचा पशुपति कुमार पारस हरगिज इस सीट को छोड़ने के मूड में नहीं हैं।  ऐसे में अब सबकुछ एनडीए आलाकमान में हाथों में हैं वो किसको कौन सी सीट से चुनाव लड़ाने को मंजूर करवाते हैं।