DELHI : केंद्र की मोदी सरकार अमृत काल में देश के लोगों को गुलामी की मानसिकता और इससे जुड़ी किसी भी चीज से आजाद करने पर जोर दे रही है। ऐसे में नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाले केंद्र सरकार संविधान से इंडिया सब हटाने की योजना बना रही है।
दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार इस बार बुलाए गए संसद के विशेष सत्र में संविधान से इंडिया शब्द हटाने को लेकर विधेयक ला सकती है। भाजपा के करीबी सूत्रों ने यह बताया है कि केंद्र सरकार के तरफ से इससे जुड़े प्रस्ताव की तैयारी जारी है। मालूम हो कि हाल ही में आरएसएस के सरसंचालक मोहन भागवत ने भी कहा था कि सदियों से हमारे देश का नाम भारत रहा है ऐसे में देश के लोगों को इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए।
मालूम हो कि, इससे पहले सदन के मानसून सत्र में भाजपा के राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल ने इंडिया शब्द को हटाकर भारत शब्द के इस्तेमाल की मांग की थी उनका कहना था कि इंडिया शब्द औपनिवेशिक दासता का प्रतीक है। जबकि पीएम नरेंद्र मोदी ने भी 25 जुलाई को भाजपा संसदीय दल की बैठक में विपक्षी गठबंधन आईडीआईए पर निशाना साधते हुए कहा था कि ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन नेशनल कांग्रेस का गठन अंग्रेजों ने किया था।
इधर विपक्षी दलों की गठबंधन वाली पार्टी ने भी अपने गठबंधन का नाम I.N.D.I.A यानी सीधे अर्थ में कहें तो इंडिया रखा है ऐसे में इस नाम को लेकर काफी अधिक विवाद लिखा हुआ है। इसके बाद भाजपा के करीबी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब यह तैयारी चल रही है कि संविधान से इंडिया शब्द हटाया जाए।
आपको बताते चले कि केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है लेकिन इसके एजेंडों की कोई जानकारी नहीं दी है। विशेष सत्र में चंद्रयान-3 और आदित्य एल 1 मिशन समेत हाल ही में हासिल की गई उपलब्धियां की चर्चा हो सकती है। इसके साथ ही साथ कई अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा की जा सकती है।