DESK: इस वक्त की बड़ी खबर देश की सियासत से निकलकर सामने आ रही है। पश्चिम बंगाल में इंडी गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है।
दरअसल, सीटों के बंटवारे को लेकर ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी और कांग्रेस के बीच चल रहे शीत युद्ध के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की चीफ ममता बनर्जी ने एकला चलो का नारा दिया है। ममता बनर्जी ने ऐलान कर दिया है कि टीएमसी लोकसभा चुनाव में अकेले ही मैदान में उतरेगी, उसका किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं होगा।
कांग्रेस और लेफ्ट से नाराज ममता बनर्जी ने कहा है कि उनके सभी प्रस्तावों को ठुकराया गया है। उन्होंने कहा है कि जो भी प्रस्ताव दिया सभी को ठुकराया, इसलिए अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। ममता ने कहा है कि कांग्रेस ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा का निमंत्रण भी नहीं दिया है। ऐसे में पश्चिम बंगाल में अब कोई तालमेल नहीं होगा। ममता बनर्जी के इस एलान के बाद इंडी गठबंधन के भविष्य पर संकट के बादल छा गए हैं।
ममता बनर्जी ने दो टूक कहा है कि हमने पहले ही कह रखा है कि कांग्रेस 300 सीटों पर चुनाव लड़े और क्षेत्रीय दलों को अपने क्षेत्र में बीजेपी से मुकाबला करने दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्रीय दल एक साथ रहेंगे लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि अगर वह हस्तक्षेप करेंगे तो हमें फिर से विचार करना होगा।. उन्होंने गठबंधन का नेतृत्व कांग्रेस के करने को लेकर भी सवाल उठाए हैं।
बता दें कि टीएमसी चीफ ममता बनर्जी चाहती हैं कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस लोकसभा की दो सीटों पर चुनाव लड़े। कहा जा रहा है कि टीएमसी की तरफ से कांग्रेस को दो सीटों का ऑफर दिया गया है। पिछले लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी की पश्चिम बंगाल की 22 सीटों पर जीत हासिल की थी। पश्चिम बंगाल में टीएमसी सबसे बड़ी पार्टी है ऐसे में ममता चाहती हैं कि बंगाल में सीट बंटवारे पर फैसला लेने का अधिकार उसे मिले। टीएमसी के इस फॉर्मूले पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई थी।
पश्चिम बंगाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंज चौधरी ने टीएमसी के इस ऑफर पर कहा था कि ममता बनर्जी अलायंस ही नहीं चाहती हैं। पता नहीं किसने ममता से भीख मांगी है, हमने तो कोई भीख नहीं मांगी। हमें ममता की दया की कोई जरूरत नहीं है। हम अपने दम पर चुनाव लड़ सकते हैं।अधीर रंजन ने आगे कहा था कि, दरअसल ममता गठबंधन ही नहीं चाहती हैं, वो तो मोदी की सेवा में लगी हुई हैं।