PATNA : चुनाव के बाद नई विधानसभा के लिए संसदीय समितियों के गठन पर अब स्पीकर और नेता प्रतिपक्ष आमने-सामने आ गए हैं. अब तक विधानसभा सचिवालय की तरफ से यह जानकारी मिल रही थी कि विधानसभा की संसदीय समितियों के गठन में देरी के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जिम्मेदार हैं. विधानसभा के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक के तेजस्वी यादव समितियों के गठन के लिए आरजेडी के तरफ से सदस्यों का नाम नहीं समझा रहे थे, जिसकी वजह से समितियों के गठन में देरी हो रही है. विधानसभा सचिवालय के सूत्र बता रहे थे कि इस बारे में तेजस्वी यादव को कई बार जानकारी दी गई लेकिन उन्होंने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को पत्र लिखा है. तेजस्वी यादव ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में यह कहा है कि संसदीय समितियों के गठन के प्रस्ताव को लेकर नियम अनुकूल जानकारी विधानसभा सचिवालय की तरफ से उन्हें मुहैया नहीं कराई गई है. तेजस्वी यादव ने कहा है कि राष्ट्रीय जनता दल को जिन संसदीय समितियों का सभापतित्व दिया जाएगा, उन समितियों के नाम की जानकारी मुहैया नहीं कराई गई है. तेजस्वी यादव ने अपने पत्र में लिखा है कि पूर्व में स्थापित परंपरा के आलोक में मेरा अनुरोध है कि राष्ट्रीय जनता दल को दी जाने वाली संसदीय समितियों के सभापतित्व हेतु समितियों का नाम भेजने की कृपा की जाए ताकि राष्ट्रीय जनता दल के माननीय सदस्यों का नाम समितियों के सभापतित्व पद के लिए अति शीघ्र भेजा जा सके.
तेजस्वी यादव ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि विधानसभा द्वारा स्थापित परंपरा रही है कि पार्टियों को सभा सचिवालय द्वारा संसदीय समितियों का नाम भेज दिया जाता है. इसके बाद ही पार्टी में नवनिर्वाचित सदस्यों की वरीयता, संसदीय अनुभव, भौगोलिक, सामाजिक और अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए माननीय सदस्यों का नाम समिति के लिए पार्टी के अध्यक्षों द्वारा बिहार विधानसभा को भेजी जाती रही है. तेजस्वी यादव ने कहा है कि उन्होंने बार-बार विधानसभा सचिवालय को संपर्क करते हुए समितियों का नाम भेजने का अनुरोध किया है, जो अब तक नहीं मिल सका है.
जाहिर है तेजस्वी यादव ने जिस तरह से विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है, वह बता रहा है कि समितियों के गठन को लेकर अब स्पीकर और नेता प्रतिपक्ष आमने-सामने हैं. विधानसभा सचिवालय एक तरफ राष्ट्रीय जनता दल को समितियों के गठन में देरी का जिम्मेदार बता रहा है तो वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी यादव ने विधानसभा सचिवालय की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं.