PATNA : बिहार में शराबबंदी को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पुलिस अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को शराब नहीं पीने की शपथ दिला रहे हैं. विधानसभा में बीते दिनों सभी विधायकों ने शराब नहीं पीने की शपथ ली थी. लेकिन आज विधानसभा परिसर में ही शराब की खली बोतलें मिलने के मामले ने पूरे सदन को शर्मसार कर दिया है. इस बात की सूचना जब विपक्ष के नेताओं को मिली तो उन्होंने सरकार को खूब आड़े हाथ लिया.
शराबबंदी को लेकर सरकार लाख दावे करती है. पुलिस प्रशासन की टीम हर दिन शराब पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है, लेकिन सरकार के दावों और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल तब खड़े होने शुरू हो गए हैं, जब खुद लोकतंत्र के मंदिर में शराब की बोतलें बिखरीं पाई गईं. दरअसल, आज फर्स्ट बिहार की टीम विधानमंडल में चल रहे शीतकालीन सत्र को कवर करने पहुंची थी, तभी हमारे संवादाता की नज़र विधानसभा परिसर में पड़ी शराब की खाली बोतलों पर पड़ी. इसके बाद से वहां हड़कंप मच गया.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को जब इसकी जानकारी तो वह खुद मौके पर पहुंच गए. वहां उन्होंने खुद शराब की पड़ी खाली बोतलें देखीं. इसके बाद उन्होंने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा. तेजस्वी ने कहा कि जिस जगह पर बोतलें मिलीं हैं, वहां से महज 50 मीटर की दूसरी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का चैम्बर है. अगर इतने पर भी सीएम की आंख नहीं खुलती है तो क्या कहा जा सकता है.
तेजस्वी ने कहा कि पूरे बिहार में धड़ल्ले से शराब मिल रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही राज्य के गृह मंत्री भी हैं. अब जब विधानसभा परिसर में ही शराब की बोतलें मिल रहीं हैं, तो जाहिर है कि इसका जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री ही हैं. तेजस्वी ने कहा कि सीएम केवल दिखावे के लिए बड़ी-बड़ी समीक्षा बैठक कर रहे हैं, उन्हें पूरे बिहार से केवल माफ़ी ही नहीं बल्कि अपना इस्तीफा भी दे देना चाहिए.