PATNA : स्थानीय निकाय कोटे से होने वाले विधान परिषद चुनाव को लेकर बिहार में दोनों गठबंधनों के बीच अभी पेंच फंसा हुआ है। एक तरफ बीजेपी ने जहां अपने सहयोगी दलों से बातचीत किए बगैर ही अपनी तरफ से लड़ने वाली की सीटों के बारे में जानकारी साझा कर दी है। वहीं दूसरी तरफ से महागठबंधन में भी आरजेडी का यही हाल है। आरजेडी ने 20 सीटों पर उम्मीदवार दे दिए हैं जबकि लेफ्ट को भी उसने अपने साथ साझेदार बनाया है लेकिन कांग्रेस को लेकर आरजेडी ने कोई फैसला नहीं किया है। कांग्रेस से लगातार विधान परिषद चुनाव में 7 सीटों की मांग कर रही है लेकिन हर चीज इसी के साथ उसकी कोई बातचीत नहीं हो पाई है।
ऐसे में विधान परिषद के चुनाव में आरजेडी के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा दिल्ली पहुंच चुके हैं। मदन मोहन झा शुक्रवार किसान मदन मोहन झा दिल्ली पहुंचे दिल्ली में उनकी मुलाकात आज अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से होगी। इसके बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष आरजेडी सुप्रीमो या फिर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात का प्रयास करेंगे। अगर सब कुछ ठीक रहा तो कांग्रेस से आरजेडी की शर्तों के साथ ही विधान परिषद चुनाव में उतरेगी।
बिहार में विधानसभा उपचुनाव के दौरान महागठबंधन टूट गया था। आरजेडी से अलग जाते हुए कांग्रेस ने दोनों उपचुनाव वाली सीटों पर अपने उम्मीदवार दे दिए थे हालांकि उपचुनाव में ना तो आरजेडी के उम्मीदवार को जीत हासिल हुई और ना ही कांग्रेस के। उपचुनाव की दोनों सीटें पहले से जेडीयू के कब्जे में थी और जेडीयू के पास ही वापस चली गई लेकिन आरजेडी ने कांग्रेस के बगैर जो प्रदर्शन किया उसे देखते हुए अब कांग्रेस सकते में है।
कांग्रेस के बगैर आरजेडी को मिला वोटों का प्रतिशत संतोषजनक है और यही वजह है कि अब तेजस्वी यादव भी कांग्रेस को ज्यादा भाव देने के मूड में नहीं हैं। आपको याद दिला दें कि बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास को लेकर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने उपचुनाव के दौरान जो टिप्पणी की थी उस पर भारी बवाल भी मचा था और इस दौरान कांग्रेस और आरजेडी के नेता एक-दूसरे के सामने खड़े नजर आए थे लेकिन अब विधान परिषद चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस की तरफ से इस बात का प्रयास हो रहा है कि आरजेडी के साथ गठबंधन हो जाए।