JAMUI: जमुई के लक्ष्मीपुर में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जहां वन विभाग की हिरासत में एक कैदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। मृतक की पहचान लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र के हरला गांव निवासी संपत्ति यादव के 18 वर्षीय पुत्र नीतीश कुमार के रूप में हुई है। मृतक के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है और मामले की जांच की मांग की है।
क्या है पूरा मामला?
शुक्रवार को वन विभाग की पुलिस ने नीतीश को एक मामले में गिरफ्तार किया था और उसे लक्ष्मीपुर वन विभाग कार्यालय स्थित कैदी वार्ड में रखा गया था। शनिवार को जब उसे देखा गया तो वह फांसी के फंदे से लटका हुआ था। तुरंत उसे सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
डीएफओ ने क्या कहा?
इस घटना के बारे में जमुई के डीएफओ तेजस जायसवाल ने बताया कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले की जांच करवाएंगे।
कैदी वार्ड में हड़कंप
नीतीश की आत्महत्या के बाद वन विभाग के कैदी वार्ड में हड़कंप मच गया है। इस घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर नीतीश ने आत्महत्या क्यों की।
वही वन विभाग की टीम के खिलाफ लोगों का आक्रोश बढ़ने लगा। जिस वजह से कोहबरवा स्थित वन विभाग कार्यालय के पास बड़ी संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती की गई और आक्रोशित लोगों को शांत कराते हुए युवक के शव को शनिवार की शाम पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाया गया है, जहां मजिस्ट्रेट की निगरानी में डॉक्टरों की टीम गठित कर वीडियो ग्राफी के साथ पोस्टमार्टम की प्रक्रिया कराई जाएगी।
परिजन ने बताया कि एक वर्ष पूर्व नीतीश कुमार के पिता की मृत्यु होने के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी नीतीश कुमार पर ही थी। महज18 से 19 वर्ष की उम्र में नीतीश कुमार मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करने लगा था। जंगल किनारे बसे रहने की वजह से नीतीश जंगली लकड़ी के कारोबार से भी जुड़ा था। शुक्रवार की रात नीतीश मैजिक वाहन से जंगली लकड़ी लेकर जा रहा था इसी दौरान मोहनपुर थाना की पुलिस ने नीतीश कुमार को मैजिक वाहन के साथ गिरफ्तार कर लिया था उसके बाद मोहनपुर थाना की पुलिस द्वारा गिरफ्तार नीतीश कुमार को शनिवार को दिन के 10:00 बजे वन विभाग की टीम के हवाले कर दिया गया।
परिजन ने बताया कि जैसे ही वन विभाग की टीम मोहनपुर थाना से नीतीश कुमार को अपने साथ लेकर कोहबरवा स्थित वन विभाग कार्यालय के लिए निकले थे तो परिवार के अन्य सदस्य ही पीछे-पीछे जा रहे थे उस वक्त तक नीतीश कुमार बिल्कुल स्वस्थ था लेकिन जब परिजन 20 मिनट के अंतराल में मोहनपुर थाना से कोहबरवा स्थित वन विभाग कार्यालय पहुंचे तो देखा कि नीतीश कुमार का शव वन विभाग की वाहन में पड़ा हुआ है और वन विभाग की सभी टीम कुछ बताने से लड़ खड़ाने लगा।
परिजन ने बताया कि नीतीश कुमार के पास करीब 50000 रुपया भी था जो वन विभाग की टीम ने ले लिया है और पैसे की मांग को लेकर नीतीश कुमार के साथ बेरहमी से रास्ते में ही मारपीट की गई और गला दबाकर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई नीतीश कुमार की हत्या करने का आरोप परिजन ने वन विभाग के कर्मी आमोद कुमार सहित अन्य कर्मियों पर लगाया है। हालांकि पुलिस मामले की गहन जांच पड़ताल में जुटी हुई है।