Bihar News: बिहार में साइबर अपराध पर बड़ी कार्रवाई, Mule Account गिरोह का भंडाफोड़; 7 गिरफ्तार बिहार चुनाव 2025 की पहली रैली में नीतीश कुमार बोले – अब बिहार में नहीं है डर, हर गांव तक पहुंचा विकास; लालू के समय होता था यह काम Bihar Election 2025: बिहार के चुनावी समर में मायावती की पार्टी, BSP ने जारी की 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट Bihar Election 2025: बिहार के चुनावी समर में मायावती की पार्टी, BSP ने जारी की 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट Bihar News: देश से विदेश तक साइबर ठगी का जाल, बिहार में NGO के खाते में आए करोड़ों रुपए; खुलासे से हड़कंप Bihar Politics : बिहार के डिप्टी सीएम की संपत्ति में बड़ा खुलासा, पत्नी निकली आगे; राइफल और रिवॉल्वर के भी शौकीन; जानिए पूरी डिटेल्स Bihar Election 2025: बिहार में नामांकन के दौरान दो पार्टियों के समर्थकों के बीच भिड़ंत, पुलिस को करना पड़ा लाठीचार्ज Chhath Puja 2025: छठ पूजा में नाक से मांग तक सिंदूर क्यों लगाती हैं महिलाएं? जान लें क्या है इसका कारण Green Crackers: क्या है ग्रीन पटाखा, बाकी से क्यों है अधिक कीमत? जानें पूरी डिटेल FSSAI Act 2006 : “FSSAI ने ORS शब्द पर लगाया प्रतिबंध, केवल इन उत्पादों पर ही लगेगा यह टैग; जानिए वजह
1st Bihar Published by: Updated Thu, 07 May 2020 10:09:45 AM IST
- फ़ोटो
DESK : वैशाख मास की पूर्णिमा को भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, इस उपलक्ष में बुद्ध पूर्णिमा मनाया जाता है. बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध अनुयायियों के साथ साथ हिन्दुओं के लिए भी बहुत खास होता है. हिन्दू धर्म में गौतम बुद्ध को भगवान विष्णु का नवां अवतार माना गया है.
ऐसी मान्यता है कि आज ही के दिन वर्षों वन में भटकने व कठोर तपस्या करने के पश्चात बोधगया, बिहार में बोधिवृक्ष के नीचे गौतम बुद्ध को सत्य का ज्ञान हुआ था. इस घटना के बाद महात्मा बुद्ध ने अपने ज्ञान के प्रकाश से पूरी दुनिया में एक नई रोशनी पैदा की और वैशाख पूर्णिमा के दिन ही कुशीनगर में उनका महापरिनिर्वाण हुआ. भगवान के जीवन की सारी प्रमुख घटना आज ही के दिन घटित हुई थी. इसलिए भी आज के दिन की विशेषता बढ़ जाती है.
आज के दिन पवित्र नदी सरोवर में स्नान कर व्रत और दान का विशेष महत्त्व है. हालांकि इस बार देश में फैली कोरोना महामारी के कारण लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर एकत्र होने पर रोक है, ऐसे में आप घर पर ही नहाने के पानी में गंगा जल डाल कर स्नान कर सकते हैं.
बुद्ध पूर्णिमा का महत्व
पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने की परंपरा रही है. आज के दिन जो भी व्रत रहता है और भगवान विष्णु की आराधना करता है, उसके सभी दुख दूर हो जाते हैं, समस्त पापों का नाश होता है. भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. कहा जाता है उस व्यक्ति को बैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त होता है.
बुद्ध पूर्णिमा के दिन कैसे करें पूजा
- घर के मंदिर में विष्णु जी के सामने दीपक जलाकर पूजा करें.
-घर के मुख्य द्वार पर हल्दी, रोली या कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं और गंगाजल छिड़कें.
-पीपल के वृक्ष को बोधिवृक्ष मन कर उसके आस-पास दीपक जलाएं और उसकी जड़ों में दूध विसर्जित कर फूल चढ़ाएं.
-गरीबों को भोजन और कपड़े दान करें.
-शाम ढलने के बाद उगते चंद्रमा को जल अर्पित करें.