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उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार में अभी पक्की नहीं हुई है डील, कुशवाहा बोले- मुलाकात से कोई सियासी बात नहीं बनी

1st Bihar Published by: Updated Sun, 06 Dec 2020 08:30:20 PM IST

उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार में अभी पक्की नहीं हुई है डील, कुशवाहा बोले- मुलाकात से कोई सियासी बात नहीं बनी

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PATNA : बिहार चुनाव में पटखनी खाने के बाद नीतीश कुमार से मिलने पहुंच गये उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि इस मुलाकात से कोई सियासी बात नहीं बनी है. जाहिर है नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा के बीच अभी सियासी डील फाइनल नहीं हुई है. लिहाजा उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी के जेडीयू में विलय की संभावना से भी इंकार किया है.


क्या बोले उपेंद्र कुशवाहा
बेगूसराय में आज अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होने गये उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात हुई है. लेकिन मुख्यमंत्री से मुलाकात का कोई सियासी मतलब नहीं निकाला नहीं जाना चाहिये. पत्रकारों ने पूछा कि क्या वे अपनी पार्टी का विलय जेडीयू में करने जा रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा इस सवाल को टाल गये.


क्या है अंदर की बात
सियासी जानकार बता रहे हैं कि उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार के बीच डील फाइनल नहीं हुई है. पहले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करने वाले उपेंद्र कुशवाहा अस्तित्व की लडाई लड़ रहे हैं. वे समझ रहे हैं कि उनका सियासी वजूद खतरे में है. तभी वे चुपचाप नीतीश कुमार से मिलने पहुंच गये. लेकिन वे नीतीश के साथ आने के एवज में हासिल होने वाले पैकेज को पहले से तय करा लेना चाहते हैं.


जानकारों के मुताबिक कुशवाहा अपने लिए विधान परिषद और नीतीश मंत्रिमंडल में जगह के साथ साथ अपने समर्थकों के लिए भी जगह चाहते हैं. वे 2022 में राज्यसभा चुनाव में भी अपने लिए जगह पक्की करने की मांग कर रहे हैं. उनकी सारी मांगों को पूरा करना नीतीश के लिए मुश्किल हो रहा है.



दरअसल उपेंद्र कुशवाहा जानते हैं कि नीतीश कुमार के आश्वासन का हश्र क्या होता है. इससे पहले जब नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया था तो कुशवाहा के साथ साथ उनके समर्थकों को भी एडजस्ट करने का भरोसा दिलाया गया था. लेकिन कुशवाहा तो तब राज्यसभा चले गये थे उनके समर्थकों को नीतीश कुमार ने पूछा तक नहीं था. हार कर कुशवाहा को फिर जेडीयू से बाहर जाना पड़ा था. उसके बाद ही उन्होंने लोक समता पार्टी का गठन किया था.


लिहाजा इस दफे कुशवाहा किसी चलताऊ आश्वासन पर मानने को तैयार नहीं हैं. वे ठोस भरोसा चाह रहे हैं. उनके कितने लोग एडजस्ट होंगे, उन्हें क्या मिलेगा और कब मिलेगा. कुशवाहा तभी जेडीयू के पाले में जायेंगे जब उन्हें इन बातों का जवाब मिल जायेगा.