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1st Bihar Published by: Updated Wed, 12 Jan 2022 08:54:45 PM IST
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DESK: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो गयी है। इसके मद्देनजर वीआईपी पार्टी सभी 165 सीटों पर जल्द ही उम्मीदवारों की सूची जारी करेगी। विकासशील इंसान पार्टी अपने कार्यकर्ता और पूरे निषाद समाज को एक करके अपने दम पर यूपी में अकेले चुनाव लड़ेगी। इस बात की जानकारी VIP पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने दी है।
देव ज्योति ने बताया कि " सन ऑफ मल्लाह" मुकेश सहनी के मार्गदर्शन पर पूरी वीआईपी पार्टी उत्तरप्रदेश में निषाद जाति को आरक्षण दिलाने की लड़ाई लड़ रही हैं। उत्तरप्रदेश में 16 प्रतिशत से अधिक आबादी होने के बाद भी निषाद समाज के साथ दोयम दर्जे का बर्ताव किया जा रहा है। इसके लिए निजस्वार्थ प्रेरित नेता दोषी हैं। निषाद समाज को राजपाट दिलाने का झूठा सपना दिखाकर एक नेता ने अपने परिवार के हित के लिए ही जुटा हुआ है।
देव ज्योति ने बताया कि भोले-भाले निषाद समाज की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहा है।जिसकी पार्टी का रजिस्ट्रेशन व चुनाव चिन्ह नहीं, वे सरकार बनाने का दावा कर रहे।बाप,बेटा भाजपा के सांसद व एम एल सी बन हैं, कहा गई उनकी पार्टी? अपने परिवार की ही भलाई सोचने वाले निषाद नेताओं ने समाज को तबाही का शिकार बना दिया।याचक नहीं शासन सत्ता का हिस्सेदार बनकर समाज की भलाई के लिए काम करने के लिए निषाद समाज को अपने वोट की ताकत को पहचानना होगा।
वीआईपी पार्टी का उदय 2018 में निषाद आरक्षण आंदोलन से हुआ।जिसका मुख्य उद्देश्य निषाद समाज की जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण व उनका अधिकार दिलाना है।2020 में राजग गठबंधन के रूप में वीआइपी अपने चुनाव चिन्ह नाव पर चुनाव लड़कर 4 विधायक बनाई।बिहार में जितना जितना महत्व 74 विधायकों का है, उतना ही 4 विधायकों वाली वीआईपी पार्टी का भी है। हमे चंदा व निषादराज की आरती का पैसा नहीं,आपका तन मन से सहयोग चाहिए। पश्चिम बंगाल,दिल्ली,उड़ीसा में निषाद जातियों को अनूसूचित जाति का आरक्षण मिलता है, तो उत्तर प्रदेश,बिहार,झारखंड के निषाद, मल्लाह, केवट, बिंद, गोडिया आदि को क्यों नहीं।
उत्तरप्रदेश की मौजूदा सरकार निषाद समाज के साथ वादा खिलाफी कर रही है। निषाद जातियों के साथ सामाजिक एवं राजनीतिक अन्याय हो रहा हैं।।उन्होंने कहा कि कहां गया उत्तरप्रदेश के मौजूदा सरकार का वादा और उनका दृष्टि पत्र संकल्प? कांठ की हांडी बार बार नहीं,एक बार चढ़ती है।जब बिल्ली का मुंह गर्म दूध से जल जाता है,तो वह छाछ व मठ्ठा भी फूंककर पीती है।अब उत्तरप्रदेश सरकार के वादे पर विश्वास नहीं। उन्होंने मझवार,तुरैहा, गोंड, बेल्दार, खैरहा,खोरोट की तरह निषाद मछुआरा जातियों के आरक्षण व परंपरागत पुश्तैनी पेशों की बहाली की मांग की।
वीआईपी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने आगे कहा कि मांगने से भीख मिल सकती हैं, लेकिन अधिकार नहीं, निषाद जाति को एक होकर अपने अधिकार के लिए लड़ना होगा, आने वाले समय में निषाद समाज के बिना उत्तरप्रदेश में सरकार नही बन पाएगी, वीआईपी पार्टी हर हाल में उत्तरप्रदेश में निषाद जाति को आरक्षण दिलाकर रहेगी ।