PATNA : बिहार में जबसे शिक्षा विभाग की कमान के के पाठक ने संभाली है तबसे आए दिन वो कोई न कोई नया फरमान भी जारी कर रहे हैं। इन फरमानों को लेकर शिक्षा विभाग में हडकंप मचा हुआ है ही साथ ही साथ जमकर राजनीतिक बयानबाजी भी हो रही है। कुछ नेताओं का कहना है कि पाठक का रवैया कहीं से भी उचित नहीं है तो कुछ इसे काफी कारगर बता रहे हैं।
इसी कड़ी में अब पाठक ने एक बार फिर बड़ा फैसला लिया है। पाठक ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। के के पाठक ने तिरहुत प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक को एफआईआर दर्जकर 48 घंटे के अंदर विभाग को जानकारी देने को कहा है।
दरअसल, शिक्षा विभाग के तरफ से यह आदेश दिया गया था कि वित्तीय अनियमितता को लेकर 27 सितंबर को कुलसचिव को निर्देश दिया था कि दोषी पदाधिकारियों और कर्मचारियों पर स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज कराएं। लेकिन, इस आदेश का पालन विश्वविद्यालय के तरफ से नहीं किया गया। इसके बाद अब जो विभाग ने अपने पत्र में कहा है कि- एफआईआर दर्ज कराने में कुलसचिव विफल रहे और इस तरह उन्होंने अनिमयमितताओं को छुपाने का प्रयास किया है। ऐसा प्रतीत हो रहा कि वित्तीय अनियमितता में उन्होंने सहयोग किया है। इसलिए उनके खिलाफ भी एफआईआर का आदेश दिया जा रहा है।
वहीं, शिक्षा अपर मुख्य सचिव के आदेश के बाद शिक्षा विभाग के उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमारी ने इस संबंध में चिट्ठी जारी कर दी है। रजिस्ट्रार को भेजे गए पत्र में डॉ. रेखा कुमारी ने कहा कि- वित्तीय अनियमितता और राज्य सरकार की ओर से दी गई राशि का उपयोग नियम के विरुद्ध जाकर करने के मामले में यह आदेश दिया गया है। विभाग ने कहा है कि अंकेक्षण रिपोर्ट में विश्वविद्यालय में वित्तीय मामलों में कई अनियमितताएं स्पष्ट होती है। अगस्त के तीसरे सप्ताह में विश्वविद्यालय में अंकेक्षकों की टीम गई थी। विश्वविद्यालय को लिखे अपने पत्र में छह अलग-अलग वित्तीय अनियमितताओं की जानकारी दी गई है।