ब्रेकिंग न्यूज़

श्रेयसी सिंह के लिए जमुई में 10 किमी लंबा रोड शो, स्मृति ईरानी और अश्विनी चौबे रहे मौजूद बेतिया में विनय बिहारी को लड्डू से तौला गया, आम्रपाली दुबे-आनंद मोहन ने रोड शो कर मांगा वोट अपनी पत्नी से ज्यादा फाइलों से प्यार करते हैं अधिकारी, नितिन गडकरी ने कसा तंज, कहा..फाइलों को दबाकर ना रखें सुखदेव दास जी महाराज से मिलने पहुंचे नित्यानंद राय, 60 साल से चल रहे सीताराम नाम धुन के अखंड कीर्तन में हुए शामिल विपक्ष को करारा जवाब: 'बीमार' कहने वालों की नीतीश ने कर दी बोलती बंद, 84 चुनावी रैलियों को किया संबोधित Bihar Election 2025: ‘तेजस्वी बनेंगे सीएम, शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी को बुलाएंगे’, मीसा भारती का बड़ा दावा Bihar Election 2025: ‘तेजस्वी बनेंगे सीएम, शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी को बुलाएंगे’, मीसा भारती का बड़ा दावा बगहा में डॉ. भीमराव आंबेडकर विद्यालय का छज्जा गिरा, तीन किशोर घायल Bihar Election 2025: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आरजेडी और कांग्रेस पर बोला हमला, लोगों को लाल झंडे वालों से किया सचेत Bihar Election 2025: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आरजेडी और कांग्रेस पर बोला हमला, लोगों को लाल झंडे वालों से किया सचेत

यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों को सता रहा करियर का डर, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने दी बड़ी राहत

1st Bihar Published by: Updated Sun, 06 Mar 2022 07:38:56 AM IST

यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों को सता रहा करियर का डर, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने दी बड़ी राहत

- फ़ोटो

DESK : यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे 18 हजार में से ज्यादातर छात्र स्वदेश लौट चुके हैं, बाकी को भी वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि, इन छात्रों की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं होती हैं. यदि अगले कुछ महीनों के भीतर वहां हालात सामान्य नहीं होते हैं तो उनका करियर तबाह हो जाएगा. अनेक छात्र इसमें ऐसे हैं जो एमबीबीएस आखिरी वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं. ऐसे छात्रों को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने बड़ी राहत दी है.


राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने कहा है कि कोरोना महामारी अथवा युद्ध जैसी विषम परिस्थितियों के कारण अपनी इंटर्नशिप पूरी नहीं कर पाने वाले विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट भारत में इसे पूरा कर सकते हैं. छात्रों को विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा (एफएमजीई) पास करनी होगी. इस बीच, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने यूक्रेन से लौटे एमबीबीएस के छात्रों को भी देश में आगे पढ़ाई जारी रखने का मौका देने की मांग की है.


एनएमसी ने कहा है कि विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट को इंटर्नशिप के आवंटन के लिए अधिकतम कोटा एक मेडिकल कालेज में कुल स्वीकृत सीट के अतिरिक्त 7.5 प्रतिशत तक सीमित होना चाहिए. भारतीय मेडिकल ग्रेजुएट की तरह ही उन्हें स्टाइपेंड और अन्य सुविधाएं दी जानी चाहिए. मेडिकल कालेज विदेशी मेडिकल 'स्नातकों को इंटर्नशिप कराने के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं लेंगे.