सायरन की आवाज से होती है दहशत.. 18 घंटे से भूखे-प्यासे पोलैंड बॉर्डर पर खड़े हैं, यूक्रेन में फंसे इन बिहारी छात्रों की सुनिए

सायरन की आवाज से होती है दहशत.. 18 घंटे से भूखे-प्यासे पोलैंड बॉर्डर पर खड़े हैं, यूक्रेन में फंसे इन बिहारी छात्रों की सुनिए

BAGHA : यूक्रेन युद्ध के बीच में रह रहे बिहार और उत्तर बिहार के मेडिकल छात्रों की परेशानी प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. सभी यूनिवर्सिटी के हॉस्टल, एयरपोर्ट, दूतावास में फंसे हैं. हालात बद से बदतर हो रही है. सभी खौफ व दहशत के बीच शरण लिए हैं. बिहार के कई छात्र वहां से वीडियो भेज कर हालात बता रहे हैं. हालांकि सरकार छात्रों को वापस बुलाने के कई इंतजाम किये हैं, कई छात्र वापस भी आ रहे हैं लेकिन अभी बड़ी संख्या में छात्र वहां फंसे हुए हैं.


बगहा के मधुबनी प्रखण्ड के निवासी का एमबीबीएस का छात्र सुधाकर कुशवाहा यूक्रेन में अपने कुछ साथियों के साथ फंसा है. वीडियो के माध्यम से वतन वापसी के लिए सरकार के गुहार लगा रहा है. सुधाकर 24 नवंबर 2021 को यूक्रेन के लबीब शहर में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गया था। 14 फरवरी से यूक्रेन पर हमले की खबर सुनने के बाद से लगातार सभी छात्र दहशत में है.


छात्र सुधाकर सहित उसके दो दोस्त (सिद्धार्थ पांडेय, सीवान और मोहम्मद इलियास, सीतामढ़ी)  ने संयुक्त वीडियो जारी कर भारत सरकार एवं बिहार सरकार से अपने देश वापसी की गुहार लगा रहे हैं. सुधाकर एवं उसके दोस्त ने बताया है कि वैसे तो अभी लबीब शहर के हालात ठीक हैं लेकिन 18 घण्टों से पौलेंड बॉर्डर पर कई दोस्त फंसे हैं. इस ठंड में भूखे पेट लाइन में खड़े हैं. उनके लिए सरकार पोलैंड बॉर्डर खोलवा दे ताकि वे पौलेंड के रास्ते भारत जा सके.


सुधाकर और उसके दो साथी अभी हॉस्टल में हैं. वहां की एम्बेसी ने उन्हें अभी बाहर जाने कि इजाजत नहीं दी है. उन लोगों ने बताया कि जब सायरन की आवाज आती है तो दहशत में आ जाते हैं. सुनने में आ रहा है कि कई लोग को वापस बुलाया गया है. भारत सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि जल्द से जल्द हम लोगों को भारत बुला ले.