BUXAR: एक्सप्रेस ट्रेन की एसी बोगी में बिना टिकट के सफर करना एक नेताजी को भारी पड़ गया। टीटी द्वारा टिकट मांगने पर पहले तो उन्होंने अपनी पहुंच का धौंस दिखाया लेकिन जब टीटी टिकट की मांग पर अड़ा रहा तो आखिरकार नेताजी की सारी हेकड़ी निकल गई और फाइन देने के बाद ही टीटी से उनका पीछा छूटा। नेताजी 11 अक्टूबर को जियारत एक्सप्रेस के फर्स्ट एसी में बिना टिकट के यात्रा कर रहे थे।
दरअसल, पिछले दिनों बीजेपी से निष्कासित हुए बक्सर के पूर्व जिलाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह बीते 11 अक्टूबर को राणा प्रताप सिंह 12395 अप जियारत एक्सप्रेस ट्रेन की फर्स्ट एसी कोच में सवार हुए थे। उनके पास किसी तरह का कोई टिकट नहीं था। टीटीई पंकज कुमार ने जब उनसे टिकट मांगा तो वे भड़क गए और खुद को बीजेपी का नेता और एनआरयूसीसी का मेंबर बताने लगे। टीटीई ने जब सीट खाली करने को कहा तो वे उससे उलझ गए और औकात दिखाने और बक्सर में उतार कर गोली मारने की धमकी देने लगे। नेताजी खुद को बक्सर सीआईटी रमेश चंद्र सिंह का चचेरा भाई बता रहे थे।
टीटीई ने बताया कि पूरी घटना आरपीएसएफ के सामने घटित हुई है। बक्सर आरपीएफ को टीटीई ने जो मेमो दिया है उस पर राणा प्रताप सिंह तथा उनके एक सहयोगी योगेन्द्र कुमार पर कुल 4750 रूपये का जुर्माना लगाने के साथ ही बक्सर स्टेशन पर गाड़ी खुलने के दौरान ट्रेन में चढ़ने से रोकने तथा जान मारने की धमकी देने का आरोप भी लगाया है। पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो भी वायरल हुआ है। यह वीडियो बक्सर रेलवे स्टेशन का है। जिसमें साफ देखा जा रहा है कि भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष और टीटीई के साथ नोकझोंक हो रही है। वहीं एक वीडियो में ट्रेन खुलने के दौरान टीटीई को ट्रेन में चढ़ने से रोकते हुए एक व्यक्ति दिखाई दे रहा है, जो उनका सहयोगी बताया जा रहा है।
टीटीई ने बताया है कि कथित नेता ने ट्रेन से ही फोन कर अपने लोगों को बक्सर स्टेशन पर बुला लिया था। बक्सर स्टेशन पर ट्रेन के रूकते ही उसके 10-15 सहयोगियों ने टीटीई को घेर लिया था लेकिन आरपीएफ की टीम के कारण उनकी जान बची। पूरे मामले में आरोपी नेता ने भी अपनी सफाई दी है और टीटीई पर बदसलूकी करने का आरोप लगाया है। रेलवे सूत्रों की मानें तो पूर्व जिलाध्यक्ष ने जुर्माना की राशि जमा की तब जाकर उन्हें जाने दिया गया। बता दें कि अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर बीजेपी ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया है।