DESK: देश के इतिहास में पहली बार स्पीकर का चुनाव होने जा रहा है। पक्ष और विपक्ष के बीच स्पीकर को लेकर सहमति नहीं बनने के बाद एनडीए की तरफ से जहां ओम बिरला ने नामांकन दाखिल कर दिया है तो दूसरी तरफ विपक्ष की तरफ से के. सुरेश को स्पीकार का उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतार दिया है।
हालांकि कांग्रेस के इस फैसले से ममता बनर्जी की पार्टी इत्तेफाक नहीं रखती है और वोटिंग के दौरान गठबंधन से अलग स्टैंड ले सकती है। टीएमसी ने स्पीकर चुनाव में उम्मीदवार उतारने के कांग्रेस के फैसले को एकतरफा बताया है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे सांसद अभिषेक बनर्जी ने इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि स्पीकर चुनाव में उम्मीदवार उतारने को लेकर हमलोगों से कोई संपर्क नहीं किया गया है और ना ही इसके बारे में कोई चर्चा की गई है।
लोकसभा स्पीकर पद के लिए बुधवार को होने वाले वोटिंग से पहले टीएमसी के इस रूख से विपक्ष के सामने बड़ी मुसिबत खड़ी हो गई है। लोकसभा में बीजेपी के पास 240 सीटें हैं सहयोगियों को मिलाकर करीब तीन सौ सांसदों का समर्थन है ऐसे में एनडीए उम्मीदवार ओम बिरला की जीत तय मानी जा रही है। वोटिंग के दौरान टीएमसी ने अगर एनडीए के पक्ष में वोट किया तो कांग्रेस के साथ साथ इंडी एलायंस को जोरदार झटका लग सकता है।