PATNA : शराबबंदी कानून में ढिलाई बरतने के आरोप में चार थानेदारों पर गाज क्या गिरी बिहार पुलिस एसोसिएशन अब खुलकर मुख्यालय के सामने आ गया है. बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने मुख्यालय के इस फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा है कि आखिर शराबबंदी कानून में ढिलाई बरतने के आरोप में केवल पुलिस के छोटे पदाधिकारियों पर ही गाज क्यों गिरती है.
मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा है कि पुलिस मुख्यालय को यह बताना चाहिए कि अब तक अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरतने या फिर अपराधियों के साथ सांठगांठ जैसे आरोपों में कितने एसपी और डीएसपी पर कार्रवाई हुई है. पुलिस एसोसिएशन का आरोप है कि जब भी शराब माफिया अपराधियों से सांठगांठ की बात होती है तो केवल बिहार पुलिस के कनीय अधिकारियों या कर्मियों पर एक्शन लिया जाता है. आज तक किसी भी बड़े अधिकारी पर कोई एक्शन नहीं लिया गया.
बिहार पुलिस एसोसिएशन ने कहा है कि सबके लिए मुख्यालय को एक नीति और सिद्धांत रखना होगा, वह अपराधियों से सांठगांठ शराब माफिया से पुलिसकर्मियों के संबंध को सही नहीं ठहराता लेकिन एसोसिएशन का स्पष्ट मानना है कि अगर जिले में ऐसे अपराधिक गठजोड़ के लिए थानेदार या नीचे के पुलिसकर्मी दोषी हैं तो फिर जिलों में तैनात एसपी और डीएसपी क्यों दोषी नहीं हो सकते.
अब तक किसी भी एसपी और डीएसपी की नौकरी ऐसे मामलों में नहीं गई है जबकि थानेदारों को विश्व में स्थापित कर दिया जाता है. आपको बता दें कि शराबबंदी कानून में कार्रवाई को लेकर ढिलाई बरतने वाले पटना और वैशाली के 11 और मुजफ्फरपुर के दो थानेदारों को निलंबित कर दिया गया है.