तेजस्वी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, बोले अखिलेश सिंह ... हमने शुरू से CM मान साथ लड़ा चुनाव

तेजस्वी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, बोले अखिलेश सिंह ... हमने शुरू से CM मान साथ लड़ा चुनाव

PATNA : नीतीश जी जब उधर (BJP) थे तभी से हमलोग तेजस्वी को मुख्यमंत्री मान चुनाव लड़ा था। इसलिए उनको मुख्यमंत्री मानना क्या है। नीतीश जी अगर बोले रहे हैं तो इसमें नया क्या है वो तो पहले भी बोल चुके हैं तेजस्वी जो को लेकर। यह बातें बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कही है। 


दरअसल, बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश सिंह से जब यह सवाल किया गया कि सीएम नीतीश कुमार बोले रहे हैं तेजस्वी हमारा बच्चा है इसके लिए सबकुछ करना है इसको आपलोग कैसे देखते हैं। उसके बाद जवाब देते हुए अखिलेश सिंह ने कहा कि- मुख्यमंत्री जी का यह नया बयान तो है नहीं मुख्यमंत्री जी तो यह बात कई बार कह चुके हैं कि अब जो आगे चुनाव होगा वो तेजस्वी के नेतृत्व में लड़ेंगे इसमें नई कौन सी बात है। इसके बाद जब पत्रकारों ने सवाल किया कि- मुख्यमंत्री के रूप में आपलोग तेजस्वी को मंजूर करते है। उसके जवाब में अखिलेश ने कहा कि - जब नीतीश जी उधर थे (भाजपा ) तब भी उनको मुख्यमंत्री मानकर चुनाव में उतरे थे। इसलिए इसमें क्या क्या है?


मालूम हो कि, इससे पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि - हमको अब कुछ नहीं चाहिए यह बच्चा यानी कि तेजस्वी मेरे साथ है तो हम इसके लिए सब कुछ कर रहे हैं। इसलिए हमको कोई दिक्कत नहीं है।  उसके बाद सीएम के इस बयान को लेकर तरह - तरह के सवाल उठाना शुरू हो गया है।  ऐसे में सबसे बाद सवाल यह था कि- क्या तेजस्वी यादव को महागठबंधन के सभी दल सीएम मान लेंगे या नहीं उसके बाद इन सवालों का जबाब देते हुए अखिलेश सिंह ने कहा कि - - जब नीतीश जी उधर थे (भाजपा ) तब भी उनको मुख्यमंत्री मानकर चुनाव में उतरे थे। इसलिए इसमें क्या क्या है? उनके इस बयान से साफ़ है कि कांग्रेस यह मान ली है कि उनके लिए सीएम तेजस्वी यादव ही हैं भले ही सही मायने में राज्य में सीएम नीतीश कुमार हो। 


आपको बताते चलें कि, नीतीश के इस बयान के सियासी गलियारों में कई मायने निकाले जा रहे हैं। बीजेपी से नाता तोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के बाद पिछले साल नीतीश ने तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। उन्होंने कहा था कि 2025 का विधानसभा चुनाव तेजस्वी के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। इसके बाद जेडीयू के आरजेडी में विलय की अटकलें भी लगीं।