तेजप्रताप से पंचैती करने को तैयार हैं तेजस्वी, आखिर बड़े भाई से रिश्तों पर नया क्या बोल गए

तेजप्रताप से पंचैती करने को तैयार हैं तेजस्वी, आखिर बड़े भाई से रिश्तों पर नया क्या बोल गए

DELHI : आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटों के बीच रिश्ते सामान्य नहीं है. बड़े बेटे तेज प्रताप यादव लगातार यह आरोप लगाते रहे हैं कि तेजस्वी यादव के करीबी नेताओं ने पार्टी में उन्हें तरजीह नहीं दिया. तेजस्वी इस मामले पर ज्यादा बोलते नहीं लेकिन तेज प्रताप से उनकी दूरी साफ तौर पर नजर आती है. हालांकि बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान तेजस्वी यादव के साथ-साथ तेज प्रताप यादव हर जगह मौजूद रहे. यह बात अलग है कि दोनों के बीच किसी ने भी एक पल के लिए बातचीत होते नहीं देखा. अब शीतकालीन सत्र खत्म हो चुका है और तेजस्वी यादव वापस से दिल्ली पहुंच चुके हैं. लेकिन अपने बड़े भाई के साथ रिश्तो को लेकर तेजस्वी यादव ने आज बेबाकी से अपनी बात रखी है.


जब तेजप्रताप से दूरी पर उठे सवाल

दरअसल, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आज दिल्ली में है. दिल्ली में एक की टीवी चैनल के लाइव कार्यक्रम के दौरान तेजस्वी से कई तरह के सवाल पूछे गए. इन्हीं में से एक सवाल तेज प्रताप यादव से जुड़ा था. चैनल के एक संवाददाता ने तेजस्वी यादव से सीधे लाइव प्रोग्राम के दौरान पूछ लिया कि तेज प्रताप यादव के साथ उनके रिश्ते क्यों खराब है. इस पर तेजस्वी यादव ने भी बड़े सधे अंदाज में जवाब दिया. 


तेजस्वी यादव ने सवाल पूछने वाले पत्रकार को कहा कि आप आ कर के हमारे बीच पंचायत ही करा दीजिए. तेजस्वी ने कहा कि आप आइए हम दोनों साथ मिलकर आपको चाय पिलाएंगे. तेजस्वी यादव तेजप्रताप के मसले पर ज्यादा नहीं बोलना चाहते थे. लेकिन जब दोबारा इस मसले पर सवाल हुआ तो तेजस्वी ने इतना जरूर कहा कि ऐसे मंच पर राजनीतिक और बाकी मुद्दों पर जुड़े सवाल होनी चाहिए ना की पारिवारिक सवाल. जाहिर है तेजस्वी तेजप्रताप को लेकर पूछे गए सवाल को टाल कर यह बताने की कोशिश की कि तेज प्रताप यादव उनके लिए ज्यादा मायने नहीं रखते.


अब तेज भी समझ चुके हैं हकीकत 

तेजस्वी यादव के नेतृत्व को तेज प्रताप यादव ने कभी खुलकर चुनौती तो नहीं दी लेकिन तेजस्वी यादव के करीबी नेताओं को अपने निशाने पर लेकर तेज लगातार यह बताते रहे कि उन्हें पार्टी में हिस्सेदारी चाहिए. लेकिन लालू प्रसाद यादव ने भी तेज प्रताप यादव की मांगों को खारिज कर दिया. तेजप्रताप प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की भी मांग कर चुके हैं. इन सबके बावजूद तेजप्रताप को इस बात का एहसास हो गया कि उनकी मांग पूरी नहीं होने वाली नहीं है. 


लिहाजा अब तेजप्रताप लगभग महीने भर से अपने तेवर नरम कर पड़े हुए हैं. तेज प्रताप के निशाने पर विरोधी नेता तो होते हैं लेकिन अब पार्टी के अंदर जो बगावती तेवर वह पहले दिखा रहे थे, वह ठंडा पड़ चुका है. तेज प्रताप को लेकर तेजस्वी यादव ने आज जिस तरह टीवी चैनल के कार्यक्रम में अपनी बात रखी, उसके बाद यह बात और पक्की हो गई है कि तेजस्वी किसी को भी ज्यादा तवज्जो देने के मूड में नहीं,